नई दिल्ली : Google के सीईओ सुंदर पिचाई ने बीते सोमवार यानि 13 अक्टूबर 2025 को विशाखापत्तनम में पहला Google Ai हब स्थापित करने की योजना का एलान कर दिया है, इसे एक ऐतिहासिक विकास कहा जा रहा है जो गीगावाट-स्केल कंप्यूट क्षमता, एक नया इंटरनेशनल सब-सी गेटवे एवं बड़े पैमाने पर ऊर्जा बुनियादी ढांचे को जोड़ा जाने वाला है। सुंदर पिचाई ने X पर पोस्ट साझा करते हुए कहा है कि भारत के पीएम नरेंद्र मोदी एवं भारत के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से विशाखापत्तनम में पूर्व Google Ai हब के लिए हमारी योजनाओं को साझा करने के लिए बातचीत करना बेहद ही अच्छा लगा है, जो एक ऐतिहासिक विकास है।
यह घोषणा नई दिल्ली में Google द्वारा आयोजित एक प्रमुख कार्यक्रम भारत Ai शक्ति के बीच हुई है, जहां कंपनी ने विशाखापत्तनम हब के निर्माण के लिए आने वाले 5 सालों में 15 बिलियन डॉलर के निवेश का प्लान का अनावरण किया - जो संयुक्त राज्य अमेरिका के बाहर इसकी सबसे बड़ी AI सुविधा है। Google क्लाउड के Ceo थॉमस कुरियन ने इस बारें में कहा है कि यह नया केंद्र विशाखापत्तनम को AI नवाचार का एक वैश्विक केंद्र बनाने वाला है, जो न केवल भारत, बल्कि एशिया के अन्य भागों एवं उससे आगे भी सेवाएं प्रदान करने वाला है।
उन्होंने अपनी बात को जारी रखते हुए कहा है कि यह गीगावाट-स्तरीय Ai केंद्र स्थानीय स्तर पर डेटा संग्रहीत कर सकता है एवं विभिन्न क्षेत्रों में आई-संचालित समाधानों को सशक्त बनाने में सहायता प्रदान करेगा। उन्होंने अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए कहा है कि यह निवेश भारत के डिजिटल विकास के प्रति Google की दीर्घकालिक प्रतिबद्धता एवं स्थायी, स्थानीय रूप से एकीकृत डेटा अवसंरचना पर इसके फोकस को बखूबी दर्शाएगा। कार्यक्रम में उपस्थित आंध्र प्रदेश के सीएम एन चंद्रबाबू नायडू ने इस बारें में कहा है कि यह परियोजना 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने के विजन के अनुरूप है।
एन चंद्रबाबू नायडू ने इस बारें में कहा है कि पीएम नरेंद्र मोदी का स्पष्ट मत था कि इसके लिए Google को भारत आना है। उन्होंने अपनी बात को जारी रखते हुए कहा है कि हम पहले Microsoft को हैदराबाद लाए थे एवं आज Google विशाखापत्तनम आ रहा है। इसके साथ ही, हम Ai का इस्तेमाल करके 2047 तक विकसित भारत के विजन को साकार कर पाएंगे। केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स एवं IT मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इस बारें में कहा है कि गूगल का निवेश इंडिया के Ai मिशन में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करने वाला है, IT पेशेवरों के कौशल विकास में सहयोग प्रदान करने वाला है एवं डिजिटल अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने में मदद करेगा। उन्होंने गूगल से अंडमान द्वीप समूह में नए मौके की तलाश करने का भी अनुग्रह किया एवं इसे भविष्य के अंडरसी केबल नेटवर्क के लिए एक रणनीतिक स्थान बताया।
वहीं वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस सहयोग को प्रगतिशील नीति निर्माण एवं गतिशील शासन के मध्य सामंजस्य का प्रतिबिंब कहा है। उन्होंने इस बारें में कहा है कि इस तरह की परियोजनाएँ तकनीकी परिवर्तन की आने वाली लहर का नेतृत्व करने के लिए भारत की तत्परता को रेखांकित करने का काम करती है। आंध्र प्रदेश के IT मंत्री नारा लोकेश ने इस बारें में कहा है कि यह साझेदारी वैश्विक मंच पर भारत की नेतृत्व क्षमता को प्रदर्शित करती है। उन्होंने इस बारें में आगे कहा है कि आप जो देख रहे हैं वह भारत का सर्वश्रेष्ठ रूप है। यह दर्शाता है कि राज्य एवं केंद्र सरकार मिलकर अग्रणी भूमिका अदा कर सकते है। इस समय, मुझे नहीं लगता कि आंध्र प्रदेश कोई महत्वपूर्ण भूमिका अदा करने वाला है, बल्कि भारत वैश्विक परिदृश्य में एक महत्वपूर्ण भूमिका अदा करेगा।