इंदौर शहर मेट्रो से महानगर की ओर अग्रसर, संभागायुक्त दीपक सिंह से विशेष बातचीत

इंदौर, लगातार 7 बार देश का सबसे स्वच्छ शहर रहा, अब मेट्रो सहित आधुनिक बुनियादी ढाँचे, स्मार्ट परियोजनाओं और हरित पहलों के साथ विकास की नई ऊँचाइयों की ओर अग्रसर है।

इंदौर शहर मेट्रो से महानगर की ओर अग्रसर, संभागायुक्त दीपक सिंह से विशेष बातचीत

इंदौर के विकास यात्रा पर संभागायुक्त दीपक सिंह की दूरदर्शी दृष्टि

Share:

Highlights

  • इंदौर अब एक पूर्ण महानगर के रूप में उभरा है।
  • उच्च न्यायालय के आदेश पर BRTS कॉरिडोर हटाया जाएगा।
  • इंदौर को राज्य की आर्थिक राजधानी के रूप में विकसित किया जाएगा।

भारत का सबसे स्वच्छ शहर इंदौर विकास की नई ऊंचाइयों को छू रहा है, हर क्षेत्र में प्रगति कर रहा है। लगातार सात बार भारत का सबसे स्वच्छ शहर होने के बाद, मध्य प्रदेश का 'व्यावसायिक केंद्र' हाल ही में 31 मई 2025 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा मेट्रो के उद्घाटन के बाद एक महानगर शहर बन गया है। न्यूज़ ट्रैक आपके लिए मध्य प्रदेश के इंदौर के संभागीय आयुक्त श्री दीपक सिंह के साथ बातचीत में एक विशेष पॉडकास्ट लेकर आया है। इस सार्थक बातचीत में श्री दीपक सिंह ने इंदौर की मेट्रो, बीआरटीएस और सुपर कॉरिडोर सहित शहर के विकास और प्रगति के साथ-साथ वर्तमान योजनाओं और परियोजनाओं, भविष्य के दृष्टिकोण और चुनौतियों और उनके समाधानों पर चर्चा की। तो चलिए जानते है इस बारें में विस्तार से।

इंदौर एक विकासशील शहर :

श्री दीपक सिंह कहते हैं कि- हां निश्चित रूप से इंदौर एक विकासशील शहर है, और अगर आप इंदौर की प्रगति एवं विकास की गति देखें तो ये काफी तेज है विशेष रूप में मैं कहूं तो ये न सिर्फ मध्य प्रदेश बल्कि सेंट्रल इंडिया में इंदौर एक ऐसा शहर है जिसने लगातार कई नवाचार किए, यहाँ पर चाहे वह अर्बन डेवलपमेंट हो, इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट, आईटी एजुकेशन और हेल्थ से जुड़े आदि काम थे वह सभी तेजी से पूरे हुए। उन्होंने अपनी बात को जारी रखते हुए आगे कहा है कि जिन लोगों ने भी यहाँ काम शुरू किया चाहे वह यहाँ के स्थानीय व्यापारी हो या कोई भी नेशनल और इंटरनेशनल लेवल कंपनियां थी इन सभी ने सफलता प्राप्त की है, और जैसा कि इंदौर में अब भी जो ट्रेंड है जो फैशन है, नई इंडस्ट्री या फिर नए काम को लेकर वह सभी अच्छी तरह से हो रहे है। क्योंकि यहाँ जो इको-सिस्टम है वह हर किसी को सपोर्ट करता है, तो निश्चित रूप से आज इंदौर ने काफी विकास कर लिया है, लेकिन अब भी ये विकासशील शहर है।

इंदौर में संभावित निवेश केंद्र :

न्यूज़ ट्रैक प्रवक्ता श्रीमती रूपाली चव्हाण पूछती हैं, "अगर इंदौर एक विकासशील शहर है, तो क्या यह निवेश के लिए भी एक अच्छा विकल्प है?" इस पर श्री दीपक सिंह जवाब देते हुए कहते है कि "निश्चित रूप से। जिस तरह से इंदौर में आवासीय कॉलोनियाँ, व्यावसायिक स्थान, बाज़ार और उद्योग विकसित हुए हैं, निश्चित रूप से यह एक बेहतर और व्यवहार्य निवेश गंतव्य है। सांवेर, पीथमपुर या यहाँ के आईटी कॉम्प्लेक्स के औद्योगिक क्षेत्र को देखें, संस्थाओं ने अच्छा प्रदर्शन किया है। इसलिए, इंदौर सुरक्षित है और अनंत संभावनाओं वाला शहर है।"

अहिल्या नगरी में ऐसा क्या खास है? :

श्री सिंह इससे पहले ग्वालियर में सेवा दे चुके हैं। इंदौर के बारे में उन्हें क्या खास लगा, आइए जानते हैं: 

''यहाँ की मिट्टी में, मालवा में कुछ खास बात है। यहाँ के लोग नवाचार का स्वागत करते हैं और उसे स्वीकार करते हैं। लोग आधुनिक तकनीक अपनाकर आगे बढ़ना और समृद्ध होना चाहते हैं। सबसे खास बात यह है कि आपको हर तीन-चार साल में एक नया उभरता हुआ इंदौर मिलेगा।" 


BRTS कॉरिडोर को हटाने पर :

मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय ने इंदौर में बस रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (BRTS) कॉरिडोर को हटाने का आदेश दिया है। इस कदम और नागरिकों पर इसके प्रभाव के बारे में बात करते हुए, संभागायुक्त श्री दीपक सिंह कहते हैं, "यह 2007-08 की बात है, जब 20-30 मीटर चौड़ी एबी रोड को 30-80 मीटर से बढ़ाकर BRTS कॉरिडोर में बदल दिया गया था। BRTS सेवा के इन वर्षों में, हजारों लोगों को आवागमन का एक आसान तरीका मिल गया, चौड़ाई में वृद्धि ने बेहतर यातायात मार्ग प्रदान किया, और अन्य लाभों के साथ-साथ कई व्यावसायिक स्थान विकसित हुए। BRTS के नेतृत्व में वाणिज्यिक विकास ने शहर के लिए एक प्रगतिशील मार्ग प्रशस्त किया है, लेकिन हर परियोजना और कार्यक्रम की एक जीवन रेखा होती है, जो एक निश्चित अवधि के बाद समाप्त हो जाती है।"  इस पर आयुक्त ने जोर देकर कहा कि चूंकि इंदौर में नई बुनियादी ढांचा परियोजनाएं चल रही हैं और मेट्रो भी इसमें शामिल हो रही है, इसलिए सरकार ने बीआरटीएस को हटाकर अन्य शहरी परिवहन के लिए अधिक जगह उपलब्ध कराना उचित समझा। प्रशासन यह सुनिश्चित करेगा कि शहर में और भी अधिक कुशल परिवहन व्यवस्था हो। 

इंदौर मेट्रो: शहर के शहरी परिवहन की जीवन रेखा, आगे की योजनाएँ : 

इंदौर मेट्रो और परियोजना की आगामी योजनाओं के बारे में बात करते हुए, श्री दीपक सिंह ने कहा, "इंदौर मेट्रो के नियोजित नेटवर्क को पूरा होने में 3 से 5 वर्ष का समय लगेगा। इंदौर मेट्रो परियोजना की घोषणा 2008 के आसपास की गई थी, इसे 17 साल हो चुके हैं। यह शहर के परिवहन, बुनियादी ढांचे और विकास के लिए एक आवश्यकता है। वर्तमान कार्यप्रणाली के साथ, जल्द ही, यही कुछ 8 महीने के भीतर, आप रेडिसन चौराहा पर पटरियों पर मेट्रो देखेंगे। भूमिगत मेट्रो क्षेत्रों के लिए योजनाएँ और चर्चाएं​ हैं, जो जल्द ही पूरी हो जाएंगी।"

 

 

इंदौर के विकास लक्ष्य विज़न 2047 :

इंदौर के विकास लक्ष्य विजन वाले प्रश्न पर श्री दीपक सिंह जी कहते है कि हाल ही में इंदौर के राजवाड़ा में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में 2047 के लिए भारत का विज़न दस्तावेज़ प्रस्तुत किया गया। श्री सिंह इस दस्तावेज़ में उल्लिखित प्रमुख लक्ष्यों और योजनाओं के बारे में बात करते हैं: 

इंदौर को राज्य की विकसित 'आर्थिक राजधानी' के रूप में विकसित किया जाएगा, जिसमें निकटवर्ती शहरों देवास, धार, उज्जैन और शाजापुर को महानगरीय क्षेत्र में शामिल किया जाएगा। शिक्षा, स्वास्थ्य, आईटी क्षेत्र, उद्योग और वाणिज्य के विकास के साथ इंदौर मध्य प्रदेश का विकास केंद्र बन जाएगा। इंदौर हवाई अड्डे के विस्तार की संरचित योजना बनाई जा रही है।

इंदौर में आईटी क्षेत्र का भविष्य :
 
श्री दीपक सिंह इस तथ्य की ओर इशारा करते हैं कि हर परियोजना या उद्योग के विकास की एक विशेष दर होती है। एमपीएसईडीसी (मध्य प्रदेश राज्य इलेक्ट्रॉनिक विकास निगम) ने दो दशक पहले राज्य में पहला आईटी पार्क बनाया था, फिर दूसरा और तीसरा आया। अब, एमपीएसडीईसी इंदौर-अहमदाबाद राजमार्ग पर सिंहासा आईटी पार्क के साथ विकास के चरण में आगे बढ़ रहा है। इंदौर के सुपर कॉरिडोर में सिर्फ़ टीसीएस (टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज़) या इंफोसिस ही नहीं, बल्कि कई आईटी कंपनियाँ काम कर रही हैं।

श्री दीपक सिंह ने अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए यह भी बताया कि इंदौर विकास प्राधिकरण (आईडीए) भी आईटी विभाग की नीति के अनुरूप सुपर कॉरिडोर पर एक महत्वाकांक्षी परियोजना लेकर आ रहा है। उन्होंने इस बात को खारिज किया कि इंदौर में आईटी क्षेत्र में ठहराव है, उन्होंने कहा कि इसमें निरंतर वृद्धि और उछाल आएगा।

चिकित्सा बुनियादी ढांचे के लिए क्या योजना है? :

शिक्षा के अलावा श्री दीपक सिंह ने इंदौर में चिकित्सा संबंधी बुनियादी ढांचे के बारे में भी जानकारी साझा की है। उन्होंने इस बारें में कहा कि "महाराजा यशवंत राव अस्पताल एवं महाविद्यालय, इंदौर के लिए कैबिनेट ने 900 करोड़ रुपए आवंटित किए हैं। इसके साथ ही, इसमें एक नया अस्पताल और बुनियादी ढांचा भी जोड़ा जाएगा। शहर में पहले से ही तीन निजी मेडिकल कॉलेज संचालित हैं, साथ ही एक दर्जन निजी अस्पताल भी हैं। सरकारी सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल सभी सुविधाओं और बुनियादी ढांचे से सुसज्जित हैं।" श्री सिंह को यह भी उम्मीद है कि इस निरंतर विकास के साथ, इंदौर एक प्रमुख चिकित्सा गंतव्य के रूप में उभरेगा, जहां पूरे देश और दुनिया भर से मरीज आएंगे।

क्या इंदौर भविष्य की महामारी के लिए तैयार है? :

महामारी जैसे स्वास्थ्य संकट के लिए इंदौर की तैयारियों के बारे में बात करते हुए, श्री दीपक सिंह ने इंदौर के मेडिकल कॉलेजों में प्रिवेंटिव और सोशल मेडिसिन (PSM) विभाग के एकीकरण का उल्लेख किया, जहाँ ऐसी प्रचलित स्वास्थ्य चुनौतियों पर गहन अध्ययन और शोध किए जाते हैं। इतना ही नहीं, जारी किए गए राष्ट्रीय परामर्श और दिशा-निर्देशों का पालन किया जाता है और उसके अनुसार विश्लेषण किया जाता है। मध्य प्रदेश सरकार द्वारा बताए जाने पर स्वास्थ्य ढांचे और मशीनरी को अपडेट किया जाता है, साथ ही आम जनता के लिए जागरूकता अभियान भी चलाए जाते हैं। राज्य सरकार की व्यवस्था यह सुनिश्चित करती है कि नागरिकों को टीकाकरण समेत सभी सुविधाएं मुहैया कराई जाएं। श्री सिंह ने कहा कि अगर कभी संकट जैसी स्थिति आती है तो इंदौर उससे निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है। 

शहर में वायु और जल प्रदूषण को कम करने के प्रयास :

न्यूज़ ट्रैक की प्रवक्ता श्रीमती रूपाली चव्हाण के द्वारा पूछे गए प्रश्न इंदौर में बढ़ रहे वायु और जल प्रदूषण के स्तर को कम करने के लिए किस तरह के प्रयास किए जा रहे? इस प्रश्न के जवाब में संभागायुक्त श्री दीपक सिंह कहते है कि यदि इंदौर की एयर क्वालिटी के बारें में बात करें तो मैं आपको बताना चाहूंगा कि इंदौर भारतवर्ष के स्तर पर हो रही मॉनिटरिंग के पैरामीटर में काफी अच्छी स्थिति में है। लेकिन इसके बाद भी जिस तरह से आवश्यकता है प्लांटेशन या लोगों में हरियाली को लेकर जागरूकता बढ़ाना है, वह आगे कहते है कि- हम लोगों ने पिछले वर्ष इंदौर में एक ही दिन में तकरीबन 12 लाख पौधों का रोपण किया था, इस वर्ष भी वन विभाग समेत कई शासकीय और अन्य संस्थाएं है उनके माध्यम से लगभग 50 लाख पौधों का रोपण का लक्ष्य है।

श्री दीपक सिंह अपनी बात पर जोर देते हुए कहते है कि, असल में इस लक्ष्य का जो दूसरा पहलू है वे लोगों को इसके लिए जागरूक करना है सिर्फ वृक्षारोपण ही वायु प्रदूषण को कम करने के लिए माध्यम नहीं है। जैसे कई लोग आज भी कचरे और खेत से निकली पराली को जला देते है, इसकी वजह से भी वायु की गुणवत्ता में काफी प्रभाव पड़ता है। वह आगे कहते है कि- जहां पर जन-जागरूकता का काम है या जहां पैनल एक्शन होने है उसकी कार्रवाही की आवश्यकता है, उस पर भी हम काम कर रहे है लेकिन जैसा आपने​ उदहारण दिया कि इंदौर बीते 7 वर्षों से लगातार स्वच्छता अभियान में प्रथम आया है, उसका एक बहुत बड़ा श्रेय इंदौर की जनता को जाता है, क्योंकि उन्होंने ही इंदौर को इस मुकाम पर पहुंचाया है कि वह 7 बार से भारतवर्ष का सबसे स्वच्छ शहर है, तो यदि हमे हरियाली या वायु की गुणवत्ता पर काम करना है तो जनभागीदारी जितनी बेहतर होगी इंदौर उतना ही अच्छा प्रदर्शन करेगा।

कृषिभूमि का नगरीकरण कितना अच्छा?

श्री दीपक सिंह जी इस पर कहते है कि-  यह वास्तव में एक ऐसी बात है जिस पर चिंता करने की जरूरत है, नगर निगम क्षेत्र के आस आप के एरिया का जब मास्टर प्लान आता है तब उसमे कुछ आस पास के गांव भी शामिल होते है। उसके बाहर के भी जितने ग्रामीण इलाके है वहां भी अब विकास हो रहा है, लेकिन उसके लिए भी अलग से कई लीगल प्रोसीजर होते है, यदि ग्रामीण क्षेत्र में यदि किसी तरह का विकास कार्य किया जाता है तो कार्य करने वाले के लिए कई नियम कायदे और कार्रवाही भी होती है, वह आगे कहते है इस पर हमारा प्रयास रहता है कि जिस भी कॉलोनी का विकास हो रहा है वह नियम के अंतर्गत ही हो यदि कहीं से ये बात सामने आती है कि बिना लाइसेंस के कोई कार्य कर रहा है तो हम उस पर कार्रवाही करते है। लेकिन इंदौर या इंदौर संभाग की बात करें तो कृषिभूमि इतनी है कि अब तक सही ढंग से मपान नहीं हो पाया है, और किसानों के लिए भूमि पर्याप्त है एवं कृषि का काम भी अच्छा हो रहा है।

कार्यकाल की खास उपलब्धि :

इस प्रश्न का उत्तर देते हुए संभागायुक्त श्री दीपक सिंह कहते है कि-  संभागायुक्त के रूप में जब भी मैं काम करता हूँ तो मेरा काम मूलरूप से सुपरवाइजर अथॉरिटी के रूप में काम करना है। वहीं हमारे जिले में जो कलेक्टर, जिला पंचायत है या फिर जो दूसरे अधिकारी हैं वह बहुत से ऐसे काम करते जिसमे जनहित हो, मैं ये कह सकता हूँ कि इंदौर में बीते वर्ष हमने ट्राइबल एरिया में हेल्थ कैम्प्स किए, विशेष रूप से कैंसर जैसी कई बीमारियों से प्रभावित लोगों की जांच और उनके ट्रीटमेंट का अभियान चलाया, इसके बाद हमने जल गंगा संवर्धन योजना जिसमे खंडवा जिले को राष्ट्रिय स्तर पर पुरस्कार मिला, इसी तरह से कुछ अन्य काम भी किए गए। श्री दीपक सिंह आगे कहते है कि पिछले एक वर्ष में हमने लोकसाभा का चुनाव करवाया, जिसमे कई तरह के अवसर ऐसे आए जिसमे लगा की कानून व्यवस्था को बनाएं रखना एक चुनौती है, पर मुझे इस बात की ख़ुशी है बीते एक वर्ष में पूरे इंदौर संभाग में कभी भी कोई कानून व्यवस्था ऐसी निर्मित नहीं हुई जिसके कारण काम रुके, जो कि हमारे लिए एक बड़ी उपलब्धि है।

इंदौर विकास के लिए योजनाएं :

श्री दीपक सिंह कहते है कि- इंदौर में हम अभी जिस कार्य पर ध्यान केंद्रित कर रहे है वह सिंहस्थ​ के मद्देनजर है, बहुत सारे सीवरेज स्ट्रीट्मेंट के प्लांट बनने है, जो कान और स्वरस्वती नदी में जा रही गंदगी को रोकने का काम या वह उज्जैन की तरफ जिन सड़कों, रेलवे लाइन और फ्लाईओवर का निर्माण किया जा रहा है इसके साथ ही डेवलपमेंट अथ्योरिटी के माध्यम से जो टाउन डेवलपमेंट प्लानिंग पर काम कर रहे है वह हमारे लिए उच्च प्राथमिकता के काम है। वह आगे बताते है कि- निश्चित रूप से जो भी नागरिक सुविधाएं है वह हर किसी को मिले, लॉ एंड आर्डर बना रहे।

परिवार और कार्य के बीच कैसे करते हैं संतुलन :

इस प्रश्न का उत्तर देते हुए श्री दीपक सिंह जी बोलते है कि - मेरा ऐसा मानना है कि आप अपने जीवन में किसी भी प्रोफेशन में जा सकते है, आप पैसे कमा सकते है, बड़े पद हासिल कर सकते है, लेकिन सिविल सर्विस एक ऐसा कार्य है जिसमे आप सरकारी नौकरी के साथ साथ समाज सेवा, लोगों की सहायता कर सकते है, और सबसे बड़ी बात ये है कि शासन की जो योजनाएं है उसमे आपका एक सक्रीय रोल रहता है, तो अपने काम को ईमानदारी से करना ही अहम् है।​

रिलेटेड टॉपिक्स