हिंदू धर्म में कार्तिक पूर्णिमा का खास महत्व होता है. ऐसा भी कहा जाता है कि इस दिन दान-स्नान करने से इंसान को पुण्य की प्राप्ती होती है . कार्तिक पूर्णिमा को त्रिपुरारी पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है. कार्तिक पूर्णिमा को लेकर मान्यताएं है कि इसी दिन भगवान शिव ने त्रिपुरासुर राक्षस का अंत किया था. इस दिन पवित्र नदी में आस्था की डुबकी लगाने और सामर्थ्य के मुताबिक दान करना बहुत फलदायी कहा गया है. तो चलिए जानते है कि इस वर्ष कार्तिक पूर्णिमा पर दान-स्नान का शुभ मुहूर्त क्या होने वाला है.
आखिर कब है कार्तिक पूर्णिमा ?
द्रिक पंचांग के मुताबिक, कार्तिक पूर्णिमा तिथि 4 नवंबर को सुबह 10 बजकर 36 मिनट पर शुरू हो जाएगी एवं 5 नवंबर को देर सांय 6 बजकर 48 मिनट पर इसका समापन होगा. ऐसे में कार्तिक पूर्णिमा तिथि बुधवार, 5 नवंबर को मान्य होने वाली है.
दान-स्नान-पूजा का क्या है शुभ मुहूर्त :
कार्तिक पूर्णिमा पर पवित्र नदी में आस्था की डुबकी लगाना बहुत शुभ कहा जाता है. इस बार कार्तिक पूर्णिमा पर प्रातः 4 बजकर 52 मिनट से लेकर प्रातः 5 बजकर 44 मिनट तक स्नान करने का शुभ मुहूर्त कहा गया है. जिसके पश्चात प्रातः 7 बजकर 58 मिनट से लेकर 9 बजकर 20 मिनट तक देवी-देवताओं और ईष्टदेवों की पूजा कर सकते हैं. इसी शुभ घड़ी में दान करना भी बेहद ही अच्छा माना जाता है.
4 या 5 नवंबर, किस दिन है कार्तिक पूर्णिमा? जानिए पूजा का समय :
इसके पश्चात जो लोग कार्तिक पूर्णिमा की शाम को पूजा-अर्चना करना चाह रहे है, उनके लिए प्रदोष काल सबसे उत्तम साबित होने वाला है. इस बार कार्तिक पूर्णिमा का प्रदोष काल सांय 5 बजकर 15 मिनट से लेकर सांय 7 बजकर 5 मिनट तक होने वाला है.
कार्तिक पूर्णिमा की पूजा विधि :
कार्तिक पूर्णिमा के दिन किसी पवित्र नदी के घाट पर जाकर आप स्नान करें, यदि ऐसा करना सम्भव न हो सके तो आप घर में ही पानी में थोड़ा सा गंगाजल मिलाकर भी स्नान कर सकते है. इसके पश्चात यदि चाहें तो जलाहार या फलाहार व्रत भी कर सकते है. फिर सुबह के वक़्त भगवान विष्णु व माता लक्ष्मी एवं भगवान शिव व माता पार्वती की संयुक्त पूजा करें. इनके समक्ष दीपक जलाएं एवं इनके मंत्रों का जाप करें. भगवान को फल, फूल, मिठाई आदि अर्पित कर दें.
इसके पश्चात सामर्थ्य के मुताबिक दान-दक्षिणा करते है तो आपको पुण्य की प्राप्ति होगी. इस दिन गरीबों को कम्बल, घी, गुड़, दाल या कोई भी खाने की सामग्री दान करने से बहुत पुण्य मिलेगा. इस दिन दीप दान करना शुभ माना जाता है. ऐसा कहा जाता है कि जो भी व्यक्ति इस दिन दीप दान करता है, उसके जीवन में भगवान कभी अंधेरा नहीं होने देते हैं. ऐसे लोगों की बहुत उन्नति होती है और घर की सुख-संपन्नता सदैव बनी रहती है.