जानिए क्या है विश्व दयालुता दिवस का इतिहास

हर वर्ष 13 नवंबर को विश्व दयालुता दिवस मनाया जाता है इसका उद्देश्य समाज में दया करुणा और सहानुभूति की भावना को बढ़ावा देना है, ये दिन हमें याद दिलाता है की छोटे-छोटे दयालु कार्य भी बड़ा बदलाव ला सकते है और मानवता को एकजुट करने की शक्ति रखते है।

जानिए क्या है विश्व दयालुता दिवस का इतिहास

दया और सहानुभूति की भावना लोगों के जीवन में करती है बड़ा परिवर्तन

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Highlights

  • 1998 में पहली बार मनाया गया था विश्व दयालुता दिवस।
  • तनाव को कम कर मानसिक शांति और सामाजिक एकता को बढ़ावा देना दयालुता दिवस का उद्देश्य।
  • दया की भावना से किया गया काम ला सकता है बड़ा बदलाव।

हर वर्ष 13 नवंबर को पूरी दुनिया में विश्व दयालुता दिवस (World Kindness Day) मनाया जाता है। यह दिन समाज में दया, करुणा और सहानुभूति की भावना को बढ़ावा देने के उद्देश्य से समर्पित है। मानवता के इस युग में, जब दुनिया तनाव और संघर्षों से जूझ रही है, ऐसे समय में यह दिन हमें याद दिलाता है कि इंसानियत अब भी सबसे बड़ा धर्म है। 

दयालुता का अर्थ और महत्व :

दयालुता केवल दूसरों की सहायता करना नहीं है, बल्कि यह एक ऐसी मानसिक अवस्था है जो स्वयं और समाज दोनों के लिए कल्याणकारी होती है। जब व्यक्ति दूसरों के प्रति दया रखता है, तो उसके मस्तिष्क में ऑक्सीटोसिन हार्मोन का स्राव होता है, जिससे तनाव कम होता है और मन में खुशी का भाव बढ़ता है। दया के छोटे-छोटे कार्य लोगों को एक-दूसरे के करीब लाते हैं और समाज में विश्वास, सहयोग और आपसी सम्मान की भावना को मजबूत बनाते हैं। शोध बताते हैं कि दयालु लोग मानसिक रूप से अधिक संतुलित, स्वस्थ और खुश रहते हैं।

विश्व दयालुता दिवस का इतिहास :

विश्व दयालुता दिवस की शुरुआत 13 नवंबर 1998 को वर्ल्ड काइंडनेस मूवमेंट (WKM) द्वारा की गई थी। यह संगठन 1997 में जापान में स्थापित हुआ था, जिसका उद्देश्य था विश्वभर के दयालुता संगठनों को एक मंच पर लाना और वैश्विक स्तर पर करुणा का प्रसार करना। पहली बार 1998 में यह दिवस मनाया गया, और तब से हर वर्ष 13 नवंबर को दुनिया के कई देशों में इसे मनाया जाता है।

क्यों जरूरी है दया की भावना :

आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में इंसान धीरे-धीरे संवेदनाओं से दूर होता जा रहा है। ऐसे में दया और सहानुभूति की भावना समाज में मानवता की जड़ों को मजबूत करती है। दयालु व्यक्ति न केवल दूसरों की मदद करता है, बल्कि स्वयं के प्रति भी संवेदनशील होता है। आत्म-देखभाल और आत्म-सम्मान को बढ़ावा देना भी दयालुता का एक रूप है, जिससे व्यक्ति का आत्मविश्वास और मानसिक स्वास्थ्य बेहतर होता है।

विश्व दयालुता दिवस का उद्देश्य और संदेश :

  • समाज में सकारात्मकता फैलाना: यह दिन हमें याद दिलाता है कि एक छोटी-सी मुस्कान, मदद का हाथ या प्रोत्साहन का शब्द भी किसी के जीवन में बड़ा परिवर्तन ला सकता है।
  • दया के महत्व का प्रचार: इस दिवस के माध्यम से लोगों को प्रेरित किया जाता है कि वे अपने दैनिक जीवन में दया को एक आदत बनाएं।
  •  वैश्विक एकता और सहानुभूति: विश्व दयालुता दिवस एक ऐसा अवसर है जब पूरी दुनिया एक ही संदेश देती है — “हम सब एक हैं, और प्रेम ही हमारी सच्ची पहचान है।”

विश्व दयालुता दिवस केवल एक अवसर नहीं, बल्कि मानवता के प्रति हमारे कर्तव्य की याद है।जब हर व्यक्ति अपने भीतर करुणा और दया का भाव रखेगा, तभी समाज में सच्ची शांति और सौहार्द का निर्माण होगा।दया वह शक्ति है जो बिना शब्दों के भी दुनिया को बदल सकती है — और यही इस दिवस का सबसे बड़ा संदेश है।

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