नई दिल्ली: कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) पर बड़ा हमला करते हुए कहा कि देश में कानून व्यवस्था से जुड़ी ज्यादातर गड़बड़ियों के पीछे यही संगठन जिम्मेदार है और इस पर एक बार फिर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि यह उनका व्यक्तिगत मत है, लेकिन RSS की विचारधारा देश की एकता और धर्मनिरपेक्षता के लिए खतरनाक है।
मल्लिकार्जुन खड़गे समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव के एक बयान से जुड़े सवाल का जवाब दे रहे थे। उन्होंने कहा, “मेरा व्यक्तिगत विचार है कि RSS पर फिर से प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए। सरदार वल्लभभाई पटेल ने भी देश की एकता और धर्मनिरपेक्ष चरित्र की रक्षा के लिए RSS को प्रतिबंधित किया था। आज देश में जो नफरत और विभाजन फैल रहा है, उसके पीछे वही ताकतें हैं जो गांधीजी की हत्या के समय भी सक्रिय थीं।”
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा झूठ को सच में बदलने में माहिर हैं। उन्होंने कहा, “आज जो भी कानून व्यवस्था से जुड़ी घटनाएं हो रही हैं, उनका संबंध कहीं न कहीं RSS और भाजपा से है। सरकार के लोग जब ऐसे संगठनों से जुड़े रहेंगे तो देश में एकता कैसे बनी रहेगी?”
मल्लिकार्जुन खड़गे ने संघ की विचारधारा की तुलना ज़हर से करते हुए कहा, “अगर आप सांप को मारते हैं और उससे ज़हर निकलता है, तो कोई कहे कि ज़हर चाटेंगे – तो मरेंगे ही। RSS की विचारधारा भी वैसी ही है – जो उसे अपनाता है, वह लोकतंत्र और भाईचारे की भावना को खत्म कर देता है।” उन्होंने आगे कहा, “सच को जितना मिटाने की कोशिश कर लो, वह नहीं मिटेगा। प्रधानमंत्री और भाजपा हमेशा नेहरू और सरदार पटेल के बीच झगड़ा दिखाने की कोशिश करते हैं, जबकि दोनों के बीच बहुत अच्छे रिश्ते थे। सरदार पटेल ने खुद नेहरू को जनता का नेता बताया था। भाजपा झूठी कहानी बनाकर देश के महान नेताओं के संबंधों को तोड़-मरोड़कर पेश कर रही है।”
मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि पंडित जवाहरलाल नेहरू ने ही सबसे पहले गुजरात में सरदार पटेल की प्रतिमा का अनावरण किया था और सरदार सरोवर बांध की नींव रखी थी। अपनी बात को जारी रखते हुए उन्होंने कहा है कि “भाजपा को चाहिए कि दही में कंकड़ ढूंढना बंद करे। देश का इतिहास सबके सामने है, कांग्रेस ने हमेशा राष्ट्रीय एकता और विकास के लिए काम किया है। कांग्रेस अध्यक्ष ने सरदार पटेल के हवाले से एक ऐतिहासिक पत्र का जिक्र करते हुए कहा कि “4 फरवरी 1948 को पटेल ने RSS के बारे में लिखा था कि ‘संघ ने गांधीजी की मौत का जश्न मनाया और मिठाइयां बांटीं।’” मल्लिकार्जुन खड़गे ने अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए कहा है कि यही वजह थी कि सरकार को RSS पर प्रतिबंध लगाना पड़ा। सरदार पटेल को मिली रिपोर्टों के अनुसार, RSS और हिंदू महासभा की विचारधारा से उपजा माहौल ही महात्मा गांधी की हत्या का कारण बना।
बीजेपी का पलटवार :
कांग्रेस अध्यक्ष के बयान पर भाजपा ने कड़ा पलटवार किया। भाजपा प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कहा कि “कांग्रेस दोहरे मापदंड अपना रही है। जिसने दशकों तक सरदार पटेल की विरासत को नज़रअंदाज़ किया, वही आज RSS पर निशाना साधने के लिए पटेल का नाम ले रही है।”
उन्होंने आगे कहा, “INC अब इंडियन नेशनल कांग्रेस नहीं रही, बल्कि इंडियन नाज़ी कांग्रेस बन चुकी है। कांग्रेस झूठ फैलाने में माहिर है, लेकिन सच्चाई यह है कि कोर्ट ने RSS पर से प्रतिबंध हटा दिया था और यह कहा था कि संघ एक गैर-राजनीतिक संगठन है, जिसके कार्यक्रमों में सरकारी अधिकारी भी भाग ले सकते हैं।” भाजपा प्रवक्ता ने आरोप लगाया कि “कांग्रेस एक तरफ तो पीएफआई, एसडीपीआई और एआईएमआईएम जैसे संगठनों के साथ खड़ी रहती है, जो दंगे और हिंसा फैलाते हैं, और दूसरी ओर RSS के खिलाफ ज़हर उगलती है, जबकि RSS देशभक्ति और समाजसेवा के लिए काम कर रहा है।”
पूनावाला ने कहा कि कांग्रेस ने सरदार पटेल की नीतियों और उनके विज़न का कभी सम्मान नहीं किया। “आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सरदार पटेल की ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ बनवाकर उन्हें वास्तविक श्रद्धांजलि दी है, जबकि कांग्रेस ने वर्षों तक उनके योगदान को भुला दिया।”
पीएम मोदी का बयान भी बना सियासी केंद्र :
इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात के एकता नगर में राष्ट्रीय एकता दिवस के मौके पर आयोजित परेड में कहा था कि “सरदार पटेल अन्य रियासतों की तरह पूरे कश्मीर का भारत में विलय चाहते थे, लेकिन तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने ऐसा नहीं होने दिया।” उन्होंने कहा कि “कश्मीर का विभाजन हुआ, उसे अलग संविधान और झंडा दिया गया। कांग्रेस की इस गलती का खामियाजा देश को दशकों तक भुगतना पड़ा।” प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सरदार पटेल को याद करते हुए कहा, “पटेल जी का मानना था कि इतिहास लिखने में नहीं, इतिहास बनाने में समय लगाना चाहिए। उन्होंने जो एकता का कार्य किया, वही आज भारत की ताकत है।”
सरदार पटेल की जयंती के अवसर पर शुरू हुई यह राजनीतिक बहस एक बार फिर कांग्रेस और भाजपा के बीच वैचारिक टकराव को उजागर करती है। एक ओर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे RSS पर प्रतिबंध लगाने की मांग कर रहे हैं, तो दूसरी ओर भाजपा इसे “देशभक्त संगठन” बताते हुए कांग्रेस पर “गुलामी मानसिकता” का आरोप लगा रही है। पटेल की विरासत को लेकर दोनों दलों के बीच यह वैचारिक संघर्ष आने वाले समय में और तेज़ होता दिख रहा है।