
पटना: बिहार विधानसभा चुनाव और भी करीब आ रहे है चुनाव के करीब आते ही सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) ने शनिवार से एक व्यापक जनसम्पर्क अभियान शुरू कर दिया है। 'NDA विधानसभा सम्मेलन' नामक ये पूरे माह चलने वाला अभियान 24 सितंबर तक चलेगा एवं इसका उद्देश्य राज्य के सभी 243 विधानसभा इलाकों में गठबंधन की संगठनात्मक उपस्थिति को और भी ज्यादा मजबूत होगा। ये सम्मेलन 7 चरणों में आयोजित किए जाने वाले है, जिनमें प्रतिदिन लगभग 14 निर्वाचन क्षेत्रों को शामिल किया जाने वाला है एवं इनका उद्देश्य निर्वाचन क्षेत्र स्तर पर पार्टी कार्यकर्ताओं के मध्य समन्वय और मनोबल को और भी ज्यादा बढ़ाना है।
JDU एवं भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की कुल 14 टीमें करेगी काम :
खबरों की माने तो अभियान का नेतृत्व करने के लिए NDA के प्रमुख घटक दलों, मुख्य रूप से JDU एवं भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की कुल 14 टीमें बना ली गई है। प्रत्येक टीम में 7 सदस्य होने वाले है एवं इसका नेतृत्व संजय कुमार झा, अशोक चौधरी, विजय चौधरी, उमेश कुशवाहा, श्रवण कुमार, सम्राट चौधरी, नित्यानंद राय और रविशंकर प्रसाद जैसे प्रमुख राजनीतिक हस्तियां करने वाली है। 7 टीमों का नेतृत्व JDU नेता करने वाले है, जबकि शेष 7 का नेतृत्व भारतीय जनता पार्टी के प्रतिनिधि करने वाले है। यह रणनीति एनडीए की चुनावी तैयारियों में एक महत्वपूर्ण वृद्धि का संकेत भी दिया है, क्योंकि गठबंधन एक उच्च-दांव वाले चुनावी मुकाबले से पहले अपने कार्यकर्ताओं को उत्साहित करने की कोशिश कर रहा है।
अंदरूनी सूत्रों का इस बारें में कहना है कि NDA आने वाले चुनावों में 225 सीटों के लक्ष्य पर नज़र गड़ाए हुए बैठे है। यह व्यापक कार्यक्रम पार्टी कार्यकर्ताओं को संगठित करने, जमीनी स्तर पर गति बनाने एवं विभिन्न संगठनात्मक स्तरों पर मजबूत समन्वय सुनिश्चित करने की गठबंधन की व्यापक रणनीति का भी भाग है। इतना ही नहीं JDU के एक प्रवक्ता ने संकेत दिया कि जहां पहले बैठकें जिला स्तर पर ही देखने के लिए मिलती थी, वहीं अब स्थानीय स्तर पर जुड़ाव को गहरा करने के लिए विधानसभा इलाकों पर ध्यान केंद्रित किया गया है। नेतृत्व की माने तो कार्यकर्ता पार्टी की रीढ़ हैं एवं उन्हें सक्रिय करना चुनावी सफलता की कुंजी हो सकता है। NDA का यह कदम ऐसे वक़्त में आया है जब विपक्ष पूरी तरह से बिखरा हुआ है, जो सत्तारूढ़ गठबंधन की तरफ से एकता एवं उद्देश्य का स्पष्ट संदेश भी देता है। NDA के सभी घटकों की संयुक्त भागीदारी पर ज़ोर एवं नीतीश कुमार को फिर से सीएम बनाने का नारा, चुनावी उलटी गिनती शुरू होते ही गठबंधन के एकजुट मोर्चा बनाने के इरादे को और भी ज्यादा कड़ा हो गया।