
नई दिल्ली: पीएम नरेंद्र मोदी ने लोकसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर बोलते हुए कांग्रेस का घेराव कर दिया है, दरअसल अपने संबोधन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस की युवा सांसद प्रणीति शिंदे के बयान के बहाने पार्टी आलाकमान को भी टारगेट कर दिया है। इतना ही नहीं पीएम मोदी ऑपरेशन सिंदूर पर प्रणीति की टिप्पणी से गुस्साए हुए दिखाई दिए, लेकिन उन्होंने युवा सांसद को पूर्ण रूप से माफ़ कर दिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस बारें में बोला है कि वो युवा सांसद हैं, उन्हें क्षमा करना चाहिए। कांग्रेस के आका में जरा भी हिम्मत नहीं है एवं वो अपने सांसदों से ऐसी बातें बोलवाते हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी प्रणीति की किस टिप्पणी से गुस्साए, पहले वह जान लेते है। लोकसभा में ऑपरेशन सिंदूर के बारें में भी सर्चा की जा रही है। कांग्रेस की तरफ से वक्ताओं की सूची में महाराष्ट्र के सोलापुर से सांसद प्रणीति शिंदे भी रहीं। उन्होंने पाक पर भारत की सैन्य कार्रवाई में पारदर्शिता की कमी के लिए केंद्र को टारगेट किया।
इस बारें में उन्होंने बोला है कि ऑपरेशन सिंदूर कुछ एवं नहीं, बल्कि मीडिया में गवर्नमेंट का एक ‘तमाशा’ था। कोई हमें ये जानकारी नहीं देता है कि इस ऑपरेशन में क्या प्राप्त किया। आखिर इस ऑपरेशन में कितने आतंकवादी पकड़े गए। हमने कितने लड़ाकू विमान को खोया। इसका कौन ज़िम्मेदार है और गलती आखिर किसकी है, इसका जवाब सरकार को देना चाहिए।
मीडिया रिपोर्ट्स का कहना है कि ऑपरेशन सिंदूर को तमाशा बताने पर प्रधानमंत्री मोदी भड़क उठे। उन्होंने इस बारें में आगे कहा है कि कांग्रेस के एक नए सदस्य को क्षमा कर देना चाहिए। लेकिन कांग्रेस के आका जो उनको लिखकर देते हैं और उनसे बोलवाते हैं। खुद में हिम्मत नहीं है। उनसे बोलने के लिए बोलते हैं कि ऑपरेशन सिंदूर तो तमाशा था। ये पहलगाम हमले पर तेजाब छिड़कने वाला पाप है। आप तमाशा कहते हैं। असहमति हो सकती है। ये कांग्रेस के नेता बोलने के लिए बोलते हैं।
कांग्रेस पर पीएम मोदी ने साधा निशाना :
खबरों का कहना है कि पीएम नरेंद्र मोदी ने ऑपरेशन सिन्दूर पर चर्चा के समय लोकसभा में विपक्षी दलों के सदस्यों की ओर से कूटनीतिक नाकामी के दावे को लेकर कहा है कि आजकल कांग्रेस के जो लोग हमें डिप्लोमेसी का पाठ पढ़ाने में लगे हुए है, मैं उनकी डिप्लोमेसी की भी याद दिलवाना चाहता हूं। उन्होंने इस बारें में बोला है कि 26 नवंबर 2008 को मुंबई में हुए आतंकी अटैक के पश्चात भी कांग्रेस का पाक से प्रेम खत्म नहीं हुआ एवं हमले के कुछ सप्ताह के अंदर ही विदेशी दबाव में आकर कांग्रेस गवर्नमेंट ने पाकिस्तान के साथ बातचीत भी शुरू कर दी है।
उन्होंने अपनी बात को जारी रखते हुए कहा है कि तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने इस घटना के पश्चात एक भी (पाक) राजनयिक को इंडिया से बाहर निकालने की जरा भी हिम्मत नहीं की और एक वीजा तक रद्द नहीं हुआ। पीएम ने इस बारें में कहा है कि, यदि हमारी सरकार आतंकवाद पर नकेल कस चुकी है, तो पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकारों की आखिर ऐसी क्या मजबूरी थी कि आतंकवाद को फलने-फूलने दिया? इसका एक बड़ा कारण इनकी तुष्टीकरण की नीति और वोट बैंक की राजनीति है।