चंडीगढ़ : कांग्रेस नेता और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी मंगलवार (14 अक्टूबर) को चंडीगढ़ पहुंचे, जहां उन्होंने आत्महत्या करने वाले वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी वाई. पूरन कुमार के परिवार से मुलाकात की। राहुल गांधी ने दिवंगत अधिकारी के परिवार के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की और कहा कि यह सिर्फ एक परिवार का नहीं, बल्कि देश के करोड़ों दलितों से जुड़ा मामला है। राहुल गांधी दोपहर को चंडीगढ़ एयरपोर्ट पहुंचे, जहां हरियाणा विधानसभा में विपक्ष के नेता भूपिंदर सिंह हुड्डा और अन्य कांग्रेस नेताओं ने उनका स्वागत किया। इसके बाद वे सीधे सेक्टर-11 स्थित पूरन कुमार के आवास पर पहुंचे और वहां आईएएस अधिकारी पत्नी अमनीत पूरन कुमार एवं बेटी अमूल्या से करीब आधे घंटे तक मुलाकात की।
राहुल गांधी ने कहा – "दलितों को गलत संदेश दिया जा रहा है" :
मीडिया से बातचीत में राहुल गांधी ने कहा, “यह सिर्फ एक परिवार का मामला नहीं है। सालों से सिस्टम के आधार पर भेदभाव हो रहा है। ऑफिसरों को कमतर दिखाने और करियर बर्बाद करने के लिए संस्थागत स्तर पर भेदभाव जारी है। देश में करोड़ों दलित भाई-बहन हैं जिन्हें गलत संदेश दिया जा रहा है — कि चाहे आप कितने भी योग्य, ताकतवर या बुद्धिमान क्यों न हों, अगर आप दलित हैं तो आपको दबाया जा सकता है।” राहुल गांधी ने इस घटना को "सिस्टम की असफलता" बताया और कहा कि ऐसे मामलों में न्याय मिलना बेहद जरूरी है, ताकि समाज में समानता और विश्वास कायम रह सके।
मामला क्या है? :
वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी वाई. पूरन कुमार ने 7 अक्टूबर को चंडीगढ़ के सेक्टर-11 स्थित अपने आवास के साउंडप्रूफ बेसमेंट में खुद को गोली मार ली थी। मौत से एक दिन पहले उन्होंने अपनी पत्नी के नाम एक वसीयत और आठ पन्नों का सुसाइड नोट लिखा था। नोट में उन्होंने हरियाणा डीजीपी सत्रुजीत कपूर रोहतक एसपी नरेंद्र बिजरनिया समेत 13 अधिकारियों पर जातिगत उत्पीड़न, मानसिक प्रताड़ना और करियर बर्बाद करने के आरोप लगाए थे। सुसाइड नोट में लिखा था, “मैं अब और सहन नहीं कर सकता... जिन्होंने मुझे इस स्थिति तक पहुंचाया, वे मेरी मौत के जिम्मेदार हैं।”
अंतिम संस्कार से इनकार और जांच जारी :
आईएएस अधिकारी अमनीत पूरन कुमार ने चंडीगढ़ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई, जिसके आधार पर केस दर्ज किया गया है। परिवार ने आरोपी अधिकारियों की गिरफ्तारी की मांग की है और कहा है कि जब तक गिरफ्तारी नहीं होती, वे अंतिम संस्कार नहीं करेंगे। इसी बीच, चंडीगढ़ पुलिस ने अमनीत पूरन कुमार को नोटिस जारी कर दिवंगत आईपीएस का लैपटॉप सौंपने को कहा है। पुलिस का मानना है कि यह लैपटॉप सुसाइड नोट की प्रमाणिकता और अन्य डिजिटल साक्ष्यों के लिए अहम सबूत साबित हो सकता है। पुलिस ने बताया कि लैपटॉप को सेंट्रल फॉरेंसिक साइंस लैब (CFSL) भेजा जाएगा, ताकि यह पुष्टि हो सके कि सुसाइड नोट आईपीएस पूरन कुमार ने स्वयं लिखा था या नहीं। राहुल गांधी की यह मुलाकात और बयान इस संवेदनशील मामले को नया राजनीतिक और सामाजिक आयाम दे रहे हैं, जिसमें न्याय की मांग के साथ-साथ जातिगत भेदभाव पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं।