मुंबई: महाराष्ट्र में हिंदी भाषा को लेकर विवाद बढ़ रहा है, वहीं उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे ने 'मराठी एकता' पर शनिवार 05 जुलाई 2025 को मुंबई के वर्ली सभागार में रैली कर चुके है। इतना ही नहीं दोनों ने 48 मिनट तक हिंदी-मराठी भाषा विवाद, मुंबई-महाराष्ट्र, बीजेपी एवं सेंट्रल गवर्नमेंट पर निशाना साध दिया, उन्होंने बोला है कि 3 भाषा का फार्मूला केंद्र से आया था। हिंदी से कोई भी परेशानी नहीं है, लेकिन इसे किसी भी कीमत पर थोपा नहीं जाना चाहिए, यदि मराठी के लिए लड़ना गुंडागर्दी तो हम गुंडे है।
उद्धव एवं राज 20 वर्ष के पश्चात मंच पर दिखाई दिए, इतना ही नहीं आखिरी बार वर्ष 2006 में बाला साहेब ठाकरे की रैली के साथ दिखाई दिए थे। उद्धव को शिवसेना का मुखिया बनाने के पश्चात राज ने अलग पार्टी महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) बनाई थी। तब दोनों के रिश्ते अच्छे नहीं रहें।
इतना ही नहीं ये तीन भाषा का फॉर्मूला कहा से आया, ये सिर्फ सेंट्रल गवर्नमेंट से आया है, हाई कोर्ट एवं सुप्रीम कोर्ट में आज कुछ अंग्रेजी में है। लेकिन किसी भी राज्य में ऐसा बिलकुल भी नहीं है। पर ऐसा सिर्फ महाराष्ट्र में ही क्यों? जब भी महाराष्ट्र जागता है तो इसे दुनिया देखती है।' उन्होंने अपनी बात को जारी रखते हुए कहा है कि हमारे बच्चे हर किसी के बच्चे इंग्लिश स्कूल में पढ़ते है, तो हमारी मराठी को लेकर प्रश्न उठने लग जाते है।
इतना ही नहीं लालकृष्ण आडवाणी मिशनरी स्कूल में पढ़े, दक्षिण में स्टालिन, कनमोझी, जयललिता, नारा लोकेश, आर रहमान, सूर्या, ने भी अपनी पढ़ाई को इंग्लिश स्कूल से ही पूरी की है, रहमान ने डायस छोड़ दिया जब एक वक्ता ने हिंदी बोलना शुरू कर दिया, बालासाहेब एवं मेरे पिता श्रीकांत ठाकरे ने भी अंगरेजी में भी पढ़ाई की है, लेकिन वह मातृभाषा मराठी के लिए बेहद संवेदनशील थे।
खबरों का कहना है कि चाहे गुजराती हो या कोई और ही क्यों न हो, उसे मराठी आना भी जरुरी है, लेकिन फिर भी कोई मराठी नही बोलता है उसे पीटने की आवश्यकता नहीं है, लेकिन यदि कोई बिहार का ड्रामा करने लग जाता है तो आपको उसके कान के नीच जोर से मारना चाहिए, यदि आप उसे मारते है तो आप उस घटना का वीडियो न बनाएं।
24 मिंट की स्पीच में उद्धव ने कहा : तो हां, गुंडे है
वर्ष 1992 में जब मुम्बई में हिंसा बढ़ थी, तो यहां के मराठी लोगों ने हिन्दुओं की जान बचा ली थी खबरों का कहना है कि सीएम देवेंद्र फडणवीस ने ये भी कहा है कि वह गुंडागर्दी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। तो उन्हें बता देना चाहता हूं कि अगर वह अपनी भाषा (मराठी) को लेकर गुंडागर्दी करेंगे तो फिर हम गुंडे है।
बर्दास्त नहीं किया जाएगा हिंदी का थोपना : राज ठाकरे
स्वतंत्रता के समय हमने मुंबई के लिए लड़ाई लड़ी, उस वक़्त के राजनेता ये नहीं चाहते थे कि महाराष्ट्र में मराठी हो, इतना ही नहीं अब केंद्र की मोदी गवर्नमेंट बोलती है कि हिंदी, हिन्दू एवं हिंदुस्तान हमें हिन्दू और हिंदुस्तान तो चाहिए लेकिन जबरदस्ती हिंदी थोपना बर्दाश्त बिलकुल भी नहीं किया जाएगा तब भी हम ऐसा नहीं होने देंगे।
इस बारें में उद्धव ठाकरे ने ये बोला है कि आज कई बाबा ज्योतिषीय बिजी है, कोई हमारी कुंडली देखते है, दरअसल ये जानने के लिए हम (राज-उद्धव) साथ आ चुके है, हम दोनों ने इस बात का अनुभव किया है कि किस प्रकार हमारा उपयोग करके फेंक दिया गया है, आज हम दोनों एक साथ में है, इतना ही नहीं हम दोनों भाइयों के स्कूल एवं के बारें में बोला है, लेकिन नरेंद्र मोदी ने किस स्कूल से पढ़ाई की है।