आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने ऑपरेशन सिंदूर पर की सेना की सराहना, टैरिफ को लेकर ट्रंप पर हमला

आरएसएस के शताब्दी वर्ष समारोह और विजयादशमी उत्सव में पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने भाग लिया। इस अवसर पर, उन्होंने देश की एकता और अखंडता पर जोर दिया और स्वदेशी उत्पादों के उपयोग की आवश्यकता पर बल दिया। मोहन भागवत ने नेपाल में हिंसा की निंदा की और कहा कि असंतोष को हिंसक तरीके से व्यक्त नहीं करना चाहिए।

आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने ऑपरेशन सिंदूर पर की सेना की सराहना, टैरिफ को लेकर ट्रंप पर हमला

टैरिफ आने से भले ही ट्रंप को लाभ लेकिन अन्य देशों पर पड़ा असर: मोहन भागवत

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Highlights

  • RSS प्रमुख मोहन भागवत ने दी दशहरे की शुभकामनाएं।
  • ऑपरेशन सिंदूर को लेकर मोहन भागवत ने की सेना की सराहना।
  • ट्रंप टैरिफ को लेकर RSS प्रमुख ने साधा निशाना।

नई दिल्ली : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) का शताब्दी वर्ष समारोह और विजयादशमी उत्सव नागपुर में बड़े ही धूमधाम से मनाया गया। इस अवसर पर पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे। समारोह में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी भी शामिल हुए।

इस अवसर पर दलाई लामा का संदेश पढ़ा गया, जिसमें उन्होंने आरएसएस को शुभकामनाएं दीं। पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने अपने संबोधन में कहा कि विजयादशमी उत्सव आरएसएस की शताब्दी का प्रतीक है और यह नागपुर की पावन भूमि पर मनाया जा रहा है, जो डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार और डॉ. भीमराव रामजी आंबेडकर से जुड़ी है। उन्होंने आरएसएस को एक "पवित्र, विशाल वट वृक्ष" के रूप में वर्णित किया, जो भारत के लोगों को एक साथ लाता है और उन्हें गौरव और प्रगति का अहसास कराता है।

आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने अपने संबोधन में कहा कि प्रयागराज महाकुंभ में पूरे भारत में श्रद्धा और एकाग्रता की लहर फैली, जबकि पहलगाम में आतंकवादियों ने धर्म पूछ कर निर्दोष नागरिकों की हत्या की। उन्होंने कहा कि सेना का योगदान विश्व स्तर पर देखा गया है और देश के भीतर संवैधानिक उग्रवादी तत्वों का सामना करना भी आवश्यक है।

मोहन भागवत ने श्री गुरु तेग बहादुर जी के बलिदान के सढ़े तीन सौ वर्ष और महात्मा गांधी की जयंती का उल्लेख करते हुए कहा कि भक्ति और देश सेवा के ये उत्तम उदाहरण हैं। उन्होंने अमेरिका द्वारा टैरिफ पर कहा कि इसका असर सभी देशों पर पड़ेगा और भारत को किसी पर निर्भर नहीं रहना चाहिए। उन्होंने स्वदेशी उत्पादों के उपयोग की आवश्यकता पर भी बल दिया।

नेपाल में हाल ही में हुई हिंसा पर मोहन भागवत ने कहा कि असंतोष को हिंसक आंदोलन के माध्यम से व्यक्त करना सही नहीं है और ऐसे रास्तों से सकारात्मक परिवर्तन नहीं आता। उन्होंने कहा कि पड़ोसी राज्यों की स्थिति हमारे लिए चिंता का विषय है और बाहरी स्वार्थी देश ऐसे माहौल में अपने खेल खेल सकते हैं।

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