पटना : बिहार दौरे पर आए शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती महाराज ने बिहटा में हाल के दिनों में सुर्खियों में रहे "I Love Mahadev" और "I Love Muhammad" विवाद पर अपनी प्रतिक्रिया भी दे दी है। उन्होंने इसे जनता का ध्यान असली मुद्दों से भटकाने का प्रयास बताया है। इतना ही नहीं इस बारें में शंकराचार्य ने कहा, “आई लव मोहम्मद, और आई लव महादेव'' कहना केवल लोगों को गुमराह करने का प्रयास है। महादेव पूजा के विषय हैं, प्रेम के नहीं। ऐसे नारे लगाना भगवान शंकर का सम्मान नहीं बल्कि उनका अनादर है।”
#WATCH | Bettiah, Bihar | On 'I love Muhammad-Mahadev' row, Shankaracharya Swami Avimukteshwaranand Saraswati Maharaj says, "... 'I love Mohammed, I love Mahadev' row has been started to distract the public from the real issues. Is Mahadev a matter of worship or love? This is an… pic.twitter.com/4WcmhUNkJC
ANI (@ANI) October 4, 2025
भगवान शिव पर बयान :
वहीं दृष्टिकोण स्पष्ट करते हुए शंकराचार्य ने आगे कहा है कि “आई लव महादेव” जैसी भाषा का प्रयोग परंपरागत रूप से गलत माना जाता है। उन्होंने अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए ये भी कहा है कि मोहम्मद पर टिप्पणी करना उनके अधिकार क्षेत्र में नहीं है क्योंकि उस विषय पर उनके पास कोई सूचना नहीं है।
सोशल मीडिया पर विवाद की जड़ :
इस पर शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने लोगों से अपील की कि वे ऐसे विवादास्पद नारों से दूर रहें और असली मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करें। उन्होंने अपनी बात को जारी रखते हुए कहा है कि बीते कुछ वक़्त से सोशल मीडिया और सार्वजनिक मंचों पर "I Love Muhammad" और उसके विरोध में "I Love Mahadev" जैसे नारे जोर पकड़ते हुए दिखाई दे रहे है, समर्थक इन्हें भक्ति एवं आस्था की अभिव्यक्ति मानते हैं, जबकि विरोधियों का इस बारें में कहना है कि ऐसे नारे धार्मिक भावनाओं को आहत करने के साथ समाज में विभाजन भी बढ़ा सकते हैं।