आरक्षण पर बयान देना सुप्रिया सुले को पड़ा भारी, फिर संविधान को लेकर दी सफाई

एनसीपी सांसद सुप्रिया सुले के "मेरे बच्चों को आरक्षण की जरूरत नहीं" बयान से विवाद। उन्होंने स्पष्ट किया कि बयान उनके परिवार तक सीमित था। सुले ने जाति-आधारित आरक्षण का समर्थन किया। वीबीए की आलोचना और पार्टी नेता को धमकियों पर चिंता जताई, सरकार से सुरक्षा मांगी।

आरक्षण पर बयान देना सुप्रिया सुले को पड़ा भारी, फिर संविधान को लेकर दी सफाई

अपने ही बयानों पर घिरी सुप्रिया सुले कहा मेरे बच्चों को आरक्षण की जरूरत नहीं

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Highlights

  • सुप्रिया सुले ने कहा, "मेरे बच्चों को आरक्षण की जरूरत नहीं।
  • एनसीपी के ओबीसी सेल नेता राज राजापुरकर को हत्या की धमकियां, सुप्रिया सुले ने जताई चिंता।
  • सुप्रिया सुले ने महाराष्ट्र सरकार से राजापुरकर को सुरक्षा और धमकी देने वालों पर कार्रवाई की मांग की।

मुंबई : एनसीपी (शरद पवार गुट) की सांसद सुप्रिया सुले एक बार फिर आरक्षण को लेकर दिए अपने बयान की वजह से विवादों में आ गई है। हाल ही में उन्होंने इस बारें में बोला था कि उनके बच्चों को आरक्षण की आवश्यकता नहीं है। इस टिप्पणी के पश्चात विपक्षी दलों एवं सामाजिक संगठनों ने उनकी कड़ी निंदा की है। मामला बढ़ने पर सुप्रिया सुले ने सफाई देते हुए कहा है कि उनका बयान केवल उनके परिवार और बच्चों तक सीमित था।

मेरे बच्चों को आरक्षण की जरूरत नहीं - सुप्रिया सुले 

मीडिया के साथ बात करते हुए सुप्रिया सुले ने कहा है कि "मैंने सिर्फ अपने बच्चों की बात की थी। मैं एक उदार परिवार में पैदा हुई और एक उदार परिवार में शादी की। मेरे बच्चे शिक्षित और सशक्त हैं, उन्हें आरक्षण की आवश्यकता नहीं है। महिलाओं के आरक्षण का लाभ लेना मेरे लिए नैतिक रूप से सही नहीं लगा।" उन्होंने अपनी बात को जारी रखते हुए कहा है कि यदि लोग उनकी पूरी स्पीच सुनेंगे तो बात को सही तरीके से समझ पाएंगे।

"जाति-आधारित आरक्षण अभी भी जरूरी" :

आरक्षण पर अपनी बात को साफ तौर पर रखते हुए करते हुए सुप्रिया सुले ने इस बारें में कहा है कि "हां, जाति-आधारित आरक्षण अभी भी जरूरी है। देश में कई सामाजिक चुनौतियां मौजूद हैं और हमें सबको साथ लेकर आगे बढ़ना चाहिए। यह बाबासाहेब आंबेडकर का सपना था और मैं उसका सम्मान करती हूं।" इतना ही नहीं उन्होंने उदाहरण देते हुए ये भी कहा है कि मराठा, लिंगायत और धनगर समुदायों ने आरक्षण की मांग की है, जिस पर चर्चा होनी चाहिए। वहीं एससी और एसटी आरक्षण का मुद्दा पहले ही तय हो चुका है।

वीबीए की आलोचना पर जवाब :

वंचित बहुजन आघाड़ी (वीबीए) ने सुले के बयान को मराठा और अन्य समुदायों के खिलाफ बताया। इस पर सुले ने हाथ जोड़कर अपील की, "कृपया मेरा वीडियो देखें। मैंने स्पष्ट कहा है, शायद कुछ लोगों ने मिस कर दिया। लेकिन मैं फिर से विनम्रता से अनुरोध करती हूं कि वीडियो जरूर देखें।" 

पार्टी नेता को मिल रही धमकियां :

इसी दौरान NCP (शरद पवार) के OBC सेल के स्टेट अध्यक्ष राज राजापुरकर को पिछले तीन दिनों से धमकी भरे कॉल्स आ रहे हैं। सुले ने इस पर चिंता जताते हुए कहा, "उन्हें हत्या की धमकी दी गई है। यह बेहद गंभीर मामला है। महाराष्ट्र की परंपरा रही है कि विरोधी विचारों का जवाब विचारों से दिया जाए। लेकिन दुर्भाग्य से अब यह परंपरा कमजोर होती दिख रही है।"

सरकार से सुरक्षा की मांग : 

सुप्रिया सुले ने महाराष्ट्र सरकार से मांग की है कि राजापुरकर को तत्काल सुरक्षा मुहैया कराई जाए और धमकी देने वालों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई हो। गौरतलब है कि पूरा विवाद एक टीवी चैनल के कार्यक्रम में हुई बातचीत से शुरू हुआ था, जिसमें सुप्रिया सुले ने अपने बच्चों के लिए आरक्षण की जरूरत से इनकार किया था।

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