इंदौर : मध्य प्रदेश के बुरहानपुर जिले के सरकारी स्कूल में हिंदू बच्चों को नमाज सिखाने वाले मामले में अपराधी टीचर की सफाई भी सामने आ चुकी है। टीचर ने इस बारें में जानकारी दी है कि मैंने छात्रों को योगासन करवाया गया था, इसमें शशांकासन के बीच नमाज जैसी मुद्राएं होने के चलते अभिभावकों को गलतफैमी हुई है। इसके पश्चात हिंदू संगठनों के लोगों ने गांव पहुंचकर आरोपी टीचर के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की अपील की है। मामले की गंभीरता को समझते हुए जिला शिक्षा अधिकारी ने टीचर को पद से ससपेंड कर दिया गया है।
दरअसल ये के शाहपुर थाना इलाके के देवारी गांव में बसे हुए सरकारी स्कूल का है। देवारी गांव में स्थित शासकीय प्राथमिक शाला में जबूर अहमद तड़वी नामक शिक्षक कार्यरत थे। इल्जाम है कि टीचर रोजाना सुबह योगासन में हिंदू बच्चों को सूर्य नमस्कार के स्थान पर नमाज जैसी मुद्राएं सिखा रहा था। इस बात का खुलासा उस समय हुआ जब बच्चे घर पहुंचकर स्कूल में सिखाई जा रही मुदाएं करके अभिभावकों को दिखाई देने लगी। बच्चों को नमाज जैसे ही मुद्राएं करते देख परिजन भी हैरान हो गए।
टीचर को किया गया निलंबित :
उन्होंने तुरंत स्कूल पहुंचकर प्रभारी प्राचार्य ने केस की शिकायत कर दी थी। प्राचार्य ने भी तुरंत इस बात की जानकारी जिला शिक्षा अधिकारी को दे डाली। बच्चों को नमाज जैसे मुद्राएं सिखाने की बातों को देखते ही देखते पूरे क्षेत्र में फैल गई। इसके पश्चात हिंदू जागरण मंच के लोग देवारी गांव पहुंच गए, उन्होंने भी आरोपी टीचर के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की अपील की गई है। केस की गंभीरता को समझते हुए जिला शिक्षा अधिकारी संतोष सिंह सोलंकी ने अपराधी टीचर के विरुद्ध कार्रवाई करते हुए उन्हें तत्काल निलंबित कर दिया।
‘बिना जांच के निलंबन गलत’ :
लेकिन अब इस मामले ने एक नया ही मोड़ ले लिया है दरअसल टीचर जबूर अहमद तड़वी का बयान आ गया है। उन्होंने अपने ऊपर लग रहे सभी आरोपों को बेबुनियाद कहा है। शशांकासन को नमाज की स्टेप के रूप में लिया, जो कि गलत बात है। शशांकासन के समय नमाज जैसी मुद्राएं होने के चलते अभिभावकों को भ्रम हुआ था। उन्होंने ये भी कहा था कि बिना जांच किए निलंबन करना अनुचित है। विभाग को मामले की निष्मक्ष जांच करनी चाहिए।