भारत-पाक तनाव पर श्रेय लेने की जंग, चीन के दावे पर भारत का दो-टूक जवाब

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बाद अब चीन भी भारत-पाक तनाव कम करने का श्रेय लेने की कोशिश कर रहा है। चीनी विदेश मंत्री ने हाल ही में एक बयान दिया, जिसमें उन्होंने कहा कि चीन ने दोनों देशों के बीच तनाव कम करने में मध्यस्तता की।

भारत-पाक तनाव पर श्रेय लेने की जंग, चीन के दावे पर भारत का दो-टूक जवाब

चीनी विदेश मंत्री ने हाल ही में विवादास्पद बयान दिया।

Share:

Highlights

  • चीनी विदेश मंत्री ने बयान दिया कि चीन ने भारत-पाक तनाव समेत कई संघर्षों में मध्यस्तता की।
  • इस पर भारत का रूख बेहद कड़ा, कहा कि ये मामला पूरी तरह से द्विपक्षीय है।
  • चीन का दोहरा रवैय्या, एक तरफ तो शांतिदूत बना हुआ है, तो दूसरी तरफ पाकिस्तान का हथियार आपूर्तिकर्ता है।

पिछले कुछ वक़्त से भू-राजनीति (Geopolitics) में एक अजीब सा क्रेडिट वॉर देखने को मिल रहा है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप तो समय-समय पर भारत-पकिस्तान संघर्ष को कम करने का श्रेय लेने की कोशिश करते ही रहते हैं, अब इसमें चीन ने भी अपना दावा ठोंक दिया है।

चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने मंगलवार को एक कार्यक्रम के दौरान कहा, "इस साल, दूसरे विश्व युद्ध के खत्म होने के बाद से किसी भी समय की तुलना में स्थानीय युद्ध और सीमा पार संघर्ष ज़्यादा बार भड़के। भू-राजनैतिक (Geopolitical) उथल-पुथल फैलती रही। लंबे समय तक चलने वाली शांति बनाने के लिए, हमने एक निष्पक्ष और न्यायपूर्ण रुख अपनाया है और लक्षणों और मूल कारणों दोनों को संबोधित करने पर ध्यान केंद्रित किया है। उन्होंने कहा, "हॉटस्पॉट मुद्दों को सुलझाने के लिए इस चीनी दृष्टिकोण का पालन करते हुए, हमने उत्तरी म्यांमार, ईरानी परमाणु मुद्दे, भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव, फिलिस्तीन और इज़राइल के बीच मुद्दों और कंबोडिया और थाईलैंड के बीच हालिया संघर्ष में मध्यस्थता की।

इन चीनी दावों पर भारत सरकार का रूख बेहद कड़ा और साफ है। सरकारी सूत्रों का कहना है कि भारत-पाकिस्तान के बीच का ये मामला पूरी तरह से द्विपक्षीय है और इसमें किसी तीसरे पक्ष के हस्तक्षेप की जगह नहीं है। भारत ने साफ़ तौर पर कहा है कि मई में जो सीज़फायर हुआ था, वो दोनों देशों के Director General of Military Operations (DGMO) के बीच हुई सीधी बात का नतीजा था। इसमें किसी भी बाहरी देश का दबाव या प्रभाव नहीं था। 

चीन का ये दोहरा रवैय्या कई सवाल खड़े कर देने वाला है। एक तरफ तो वो शांतिदूत बना हुआ है, तो दूसरी ओर वो पाकिस्तान का बड़ा हथियार आपूर्तिकर्ता है। मई में भारत ने ही पुष्टि की थी कि पाकिस्तान ने सीमा पार सैन्य हमलों के दौरान चीन में बनी मिसाइलों का इस्तेमाल किया था। भारत ने पुष्टि की है कि पाकिस्तान ने हाल ही में सीमा पार सैन्य हमलों के दौरान चीन में बनी मिसाइलों का इस्तेमाल किया था। ऐसे में चीन की शांतिदूत वाली छवि पर भरोसा करना मुश्किल है। सच यही है कि चीन और अमेरिका दोनों इस वक़्त अपनी छवि चमकाने में लगे हुए हैं। लेकिन असलियत में भारत-पाकिस्तान संबंधों के बीच की चाबी इन्हीं दो देशों के बीच है। किसी तीसरे देश का श्रेय लेना हेडलाइंस बनाने का ज़रिया मात्र है।

रिलेटेड टॉपिक्स