नई दिल्ली : बुधवार यानी 19 नवंबर 2025 का दिन देशभर के किसानों के लिए बेहद खास होने वाला है। इस दिन न केवल पीएम किसान सम्मान निधि की 21वीं किस्त जारी होगी, बल्कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दक्षिण भारत के किसानों से सीधा संवाद भी करेंगे। प्रधानमंत्री 19 नवंबर को तमिलनाडु के कोयंबटूर में आयोजित दक्षिण भारत प्राकृतिक खेती सम्मेलन में शामिल होंगे। इस कार्यक्रम में वे 10 जैविक किसानों को सम्मानित करेंगे। लगभग 5,000 किसान इस बड़े सम्मेलन में हिस्सा लेने वाले हैं।
प्रधानमंत्री दोपहर 1 बजे के बाद संबोधन देंगे और प्राकृतिक खेती को अपनाने वाले किसानों के अनुभव भी सुनेंगे। इसके साथ ही पीएम किसान सम्मान निधि की आगामी किस्त सीधे किसानों के बैंक खातों में ट्रांसफर की जाएगी।
शिवराज सिंह चौहान की उपस्थिति भी तय :
कार्यक्रम आयोजन समिति के को-ऑर्डिनेटर पी.आर. पांडियन के अनुसार इस सम्मेलन को लेकर कृषि और किसान कल्याण मंत्री के साथ दो दौर की महत्वपूर्ण बैठकें की जा चुकी हैं। कार्यक्रम के प्रोटोकॉल के अनुसार कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान इस आयोजन में मौजूद रहेंगे।
पांडियन ने यह स्पष्ट किया कि यह सम्मेलन पूरे दक्षिण भारत के किसानों को ध्यान में रखकर आयोजित किया जा रहा है। इसलिए किसी भी राज्य के मुख्यमंत्री को व्यक्तिगत निमंत्रण नहीं भेजा गया है।
सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य क्या है?
पांडियन के अनुसार इस कार्यक्रम का मकसद दिवंगत जैविक किसान नम्मलवर द्वारा दुनिया में प्रचारित प्राकृतिक खेती के तौर-तरीकों को दोबारा जनसामान्य के सामने लाना है।
कीटनाशकों के अत्यधिक उपयोग से बढ़ते प्रदूषण, मिट्टी की बिगड़ती गुणवत्ता और कृषि उत्पादकता में गिरावट की समस्या को देखते हुए प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देना समय की महत्वपूर्ण मांग बन गया है।
19 नवंबर की शाम 4 बजे के बाद और अगले दो दिनों तक आम जनता के लिए 200 से अधिक स्टॉल खोले जाएंगे। इन स्टॉल्स में जैविक फल, सब्जियाँ, माइनर मिलेट्स और विभिन्न प्राकृतिक खेती आधारित उत्पाद प्रदर्शित किए जाएंगे।
पीएम किसान सम्मान निधि पर कृषि मंत्री की खास अपील :
कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने किसानों से अपील करते हुए कहा है कि “प्रधानमंत्री 19 नवंबर को दोपहर 1:30 बजे किसान सम्मान निधि की राशि किसानों के खातों में भेजेंगे। इस बार 9 करोड़ किसानों के लिए 18 हजार करोड़ रुपये ट्रांसफर किए जाएंगे।”
उन्होंने यह भी बताया कि प्राकृतिक आपदा से प्रभावित राज्यों—हिमाचल प्रदेश, पंजाब, उत्तराखंड और जम्मू-कश्मीर—के किसानों को पहले ही धनराशि भेजी जा चुकी है।
देशभर के किसानों से जुड़ने की अपील :
उन्होंने आगे कहा कि इस विशेष अवसर पर प्रधानमंत्री किसानों को संबोधित करेंगे और इस दिन को 'प्रधानमंत्री किसान उत्सव दिवस' के रूप में मनाया जाएगा। उन्होंने किसानों से अपील की कि वे प्रधानमंत्री का संबोधन सुनने और राशि के ट्रांसफर को प्रत्यक्ष देखने के लिए अवश्य जुड़ें। साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि किसान अपने निकटतम कृषि विज्ञान केंद्र, राज्य या जिला स्तरीय कार्यक्रम, पंचायतों, मंडियों, किसान समृद्धि कार्यक्रमों या कृषि विश्वविद्यालयों में आयोजित आयोजनों में कहीं भी शामिल होकर इस कार्यक्रम का हिस्सा बन सकते हैं।