राष्ट्रपति ने मंजूर किया उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ का इस्तीफा

सोमवार को राज्यसभा और लोकसभा के मानसून सत्र की शुरुआत हुई, दिन के अंत में उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उपराष्ट्रपति के इस्तीफे के बाद से ही विपक्ष ने अलग अलग अनुमान लगाना शुरू कर दिया है। जगदीप धनखड़ ने अपने इस्तीफे की वजह अपनी हेल्थ को बताया है। उनके पत्र के बाद राष्ट्रपति ने द्रोपदी मुर्मू ने उनका इस्तीफा स्वीकार कर लिया है।

राष्ट्रपति ने मंजूर किया उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ का इस्तीफा

राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू ने मंजूर किया जगदीप धनखड़ का इस्तीफ़ा

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Highlights

  • उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने दिया इस्तीफा।
  • राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू ने स्वीकार किया उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ का इस्तीफा
  • जगदीप धनखड़ के इस्तीफे के बाद विपक्ष ने लगाए कयास।

नई दिल्ली: बीते सोमवार यानी 21 जुलाई 2025 की देर सांय उपराष्ट्रपति पद से जगदीप धनखड़ ने इस्तीफ़ा दे दिया। अपने पत्र में उन्होंने इस बात का जिक्र किया है कि वे स्वास्थ्य कारणों से इस्तीफा दे रहे हैं। लेकिन विपक्ष के कई नेताओं का इस बारें में कहना है कि इसके पीछे कुछ और वजह हो सकती है। वहीं उन्होंने राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू को भेजे अपने पत्र में लिखा है कि वे तत्काल प्रभाव से अपना पद का त्याग कर रहे है। वहीं राष्ट्रपति मुर्मू ने जगदीप धनखड़ के त्यागपत्र को स्वीकार कर लिया है  इतना ही नहीं उनके त्यागपत्र देने से पूर्व वह राज्यसभा के उपसभापति के रूप में काम कर रहे थे, बीते सोमवार से ही संसद का मानसून सत्र शुरू हुआ, वहीं विपक्ष ने 'ऑपरेशन सिंदूर' और बिहार में चुनाव आयोग के 'गहन मतदाता पुनरीक्षण' को लेकर बहस की अपील की थी।

लेकिन शायद ही किसी को इस बात का अंदाजा होगा कि देर शाम तक एक नया राजनीतिक मोड़ आ सकता है, वहीं बीते सोमवार को उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने सदन में अपने दिन की शुरुआत राज्यसभा के उन पूर्व सदस्यों को श्रद्धांजलि देकर की, जिनका निधन बजट सत्र और मानसून सत्र के मध्य ही हुआ था। इसके पश्चात उन्होंने राज्यसभा के नए सदस्यों को शपथ दिलवाई।

इसके पश्चात जगदीप धनखड़ ने विपक्ष की तरफ से पेश 18 स्थगन प्रस्ताव को स्वीकार नहीं किया। इतना ही नहीं इन प्रस्तावों में पहलगाम अटैक, ऑपरेशन सिंदूर एवं बिहार में वोटर्स लिस्ट की समीक्षा की मांग भी की गई। लेकिन जगदीप धनखड़ ने इन सभी प्रस्तावों को ख़ारिज किया। वहीं इसके पश्चात विपक्ष ने हंगामा किया और सदन की कार्यवाही स्थगित करना पड़ गया।

लंच के पश्चात सदन की कार्यवाही शुरू हुई, तो विपक्ष की अगुआई में जस्टिस यशवंत वर्मा के विरुद्ध महाभियोग का प्रस्ताव पेश  कर दिया गया। खबरों का कहना है कि जगदीप धनखड़ ने सदन में इस बात का ज़िक्र किया और राज्यसभा के महासचिव को ये आदेश दिया कि वे इस बारे में महत्वपूर्ण क़दाम उठाएं। लेकिन कुछ समय बीतने के पश्चात उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफ़ा दे दिया।

राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू को भेजे अपने इस्तीफ़े में जगदीप धनखड़ ने लिखा कि "राष्ट्रपति जी, स्वास्थ्य देखभाल को प्राथमिकता देने और चिकित्सकीय सलाह का पालन करने के लिए, मैं संविधान के अनुच्छेद 67(क) के तहत तत्काल प्रभाव से भारत के उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा देता हूँ।" इतना ही नहीं उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने अपने पत्र में पीएम मोदी एवं मंत्रिपरिषद का आभार जताया। 

त्यागपत्र के पश्चात कांग्रेस के महासचिव और राज्यसभा सांसद जयराम रमेश ने सोशल मीडिया साइट X (ट्विटर) पर लिखा कि वे 5 बजे तक उनके साथ ही रहे। वहीं सोशल मीडिया पर साझा किए हुए अपने पोस्ट जयराम रमेश ने लिखते हुए कहा है कि "उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति का अचानक इस्तीफा जितना चौंकाने वाला है, उतना ही अकल्पनीय भी है। आज शाम करीब 5 बजे तक मैं उनके साथ था, वहां कई अन्य सांसद भी साथ थे, और शाम 7:30 बजे मेरी उनसे फोन पर बातचीत भी हुई थी।"

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