पटना: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की उलटी गिनती शुरू होते ही सियासी पारा चढ़ने लगा है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी की ‘वोटर अधिकार यात्रा’ और उनके ‘हाइड्रोजन बम’ वाले बयान ने जहां विपक्ष को नई धार देने की कोशिश की, वहीं केरल कांग्रेस की सोशल मीडिया पोस्ट और दरभंगा रैली में हुई विवादित टिप्पणी ने विपक्ष के नैरेटिव को कमजोर कर दिया है।
राहुल गांधी का ‘हाइड्रोजन बम’ बयान :
1 सितंबर को पटना में ‘वोटर अधिकार यात्रा’ के समापन पर राहुल गांधी ने कहा, “माधवपुरा में हमने एटम बम दिखाया था, अब बिहार में हाइड्रोजन बम दिखाएंगे। इसके बाद नरेंद्र मोदी जी अपना चेहरा देश को नहीं दिखा पाएंगे।” उन्होंने दावा किया कि 2024 लोकसभा चुनाव और महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में वोटर लिस्ट में धांधली हुई थी। राहुल ने बेंगलुरु साउथ की महादेवपुरा सीट पर 1 लाख फर्जी वोटरों का खुलासा ‘एटम बम’ बताते हुए कहा कि अब वे 48 और सीटों, जिनमें वाराणसी भी शामिल है, पर नए सबूत पेश करेंगे। हालांकि, केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी और भाजपा सांसद रविशंकर प्रसाद ने इस बयान को “हल्का और गैरजिम्मेदाराना” करार दिया। मांझी ने तंज किया— “एटम बम से चींटी तक नहीं मरी, हाइड्रोजन बम का भी वही हाल होगा।”
केरल कांग्रेस की विवादित पोस्ट :
जब राहुल का बयान चर्चा में था, 5 सितंबर को केरल प्रदेश कांग्रेस कमेटी (KPCC) के आधिकारिक X हैंडल से एक पोस्ट सामने आई, जिसमें लिखा गया— “बीड़ी और बिहार दोनों ‘ब’ से शुरू होते हैं। अब इसे पाप नहीं माना जा सकता।” भले ही यह पोस्ट जीएसटी सुधारों पर कटाक्ष के तौर पर की गई थी, लेकिन भाजपा और जेडीयू ने इसे बिहार का अपमान बताते हुए कांग्रेस पर तीखा हमला किया। बाद में KPCC ने पोस्ट हटाकर माफी मांगी और कहा कि यह पार्टी का आधिकारिक रुख नहीं था।
भाजपा-जेडीयू का हमला :
बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने कहा— “पहले प्रधानमंत्री की मां का अपमान किया, अब पूरे बिहार का। यही कांग्रेस का असली चेहरा है।” जेडीयू नेता नीरज कुमार ने इसे “बिहार की सांस्कृतिक पहचान पर हमला” बताया। भाजपा प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने तेजस्वी यादव से पूछा कि क्या वह इस पोस्ट का समर्थन करते हैं।
‘गालीकांड’ से और मुश्किलें :
इससे पहले, 28 अगस्त को दरभंगा में राहुल गांधी की रैली के दौरान मंच से कुछ कार्यकर्ताओं ने प्रधानमंत्री मोदी और उनकी दिवंगत मां के खिलाफ अपशब्द कहे। घटना का वीडियो वायरल होने पर भाजपा ने ‘बिहार बंद’ का आह्वान किया। संबित पात्रा ने कहा— “कांग्रेस अब गांधी जी की पार्टी नहीं, गाली वाली पार्टी बन गई है।”गृह मंत्री अमित शाह ने इसे ‘घुसपैठिया बचाओ यात्रा’ बताते हुए राहुल गांधी से माफी की मांग की। विपक्ष की ओर से सफाई दी गई कि घटना के वक्त राहुल गांधी और तेजस्वी यादव मंच पर नहीं थे, लेकिन भाजपा ने इसे “महिलाओं का अपमान” बताकर बड़ा भावनात्मक मुद्दा बना दिया।
चुनावी असर :
विशेषज्ञों का इस बारें में कहना है कि राहुल गांधी की ‘वोटर अधिकार यात्रा’ ने विपक्ष को एक हद तक ऊर्जा दी थी, लेकिन ‘बीड़ी पोस्ट’ और ‘गालीकांड’ ने इस नैरेटिव को कमजोर कर दिया। बिहार जैसे भावनात्मक मुद्दों के प्रति संवेदनशील राज्य में भाजपा और जेडीयू इसे बड़े चुनावी हथियार के रूप में इस्तेमाल कर सकते हैं।