
भारत में प्रति वर्ष आज ही के दिन यानी 02 अक्टूबर को महात्मा गांधी के जन्मदिवस को गांधी जयंती के रूप में मनाया जाता है। अपने सत्य एवं अहिंसा के सिद्धांत पर सदैव चलने वाले गांधी हमेशा ही हर किसी के लिए प्रेरणा का स्त्रोत रहें। महात्मा गांधी के जीवन में ऐसे कई लोग आए, जिन्होंने उन्हें गांधी से महात्मा बनने का सफर में साथ दिया। उनके साथ ही हमेशा खड़े रहे एवं सत्य और अहिंसा के मार्ग पर उनका साथ दिया तो चलिए जानते है उनके जीवन की खास बातें....
महात्मा गांधी के जीवन में कई महत्वपूर्ण महिलाएं थीं जिन्होंने उनके सफर में सहयोग किया और उनके साथ खड़े रहे। इनमें से तीन प्रमुख महिलाएं हैं:
कस्तूरबा गांधी : महात्मा गांधी की पत्नी और उनकी जीवनसाथी। उन्होंने महात्मा गांधी के हर आंदोलन में उनका सहयोग किया और हर मोड़ पर उनके साथ डटकर खड़ी रहीं। कस्तूरबा गांधी ने गांधी के विचारों को महिलाओं तक पहुंचाने और महिलाओं को आंदोलन से जोड़ने की अपील की, जिससे आंदोलन सफल हो पाए। उन्होंने गांधीजी के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलने वाली एक सच्ची जीवनसाथी की भूमिका निभाई।
मीराबेन (मैडलिन स्लेड) :
एक ब्रिटिश महिला जो गांधीजी की बायोग्राफी से प्रभावित होकर उनके आश्रम में रहने आईं। गांधी ने उन्हें मीराबेन नाम दिया और वह उनकी सहयोगी बन गईं। मीराबेन ने आजादी की लड़ाई में बापू का सहयोग भी किया और उनके साथ पिता-पुत्री का संबंध बन गया।
सरोजिनी नायडू :
एक प्रमुख भारतीय कवयित्री और राजनीतिज्ञ जो महात्मा गांधी की अच्छी मित्र थीं। दोनों का सेंस ऑफ ह्यूमर एक-दूसरे के हिसाब से बिल्कुल सही था। सरोजिनी नायडू ने महात्मा का नाम मिकी माउस रख दिया था और गांधीजी उन्हें प्यार से डियर बुलबुल या डियर मीराबाई कहकर बुलाते थे। दोनों लगभग 30 साल तक एक-दूसरे के सहयोगी के रूप में साथ रहे।
इन तीनों महिलाओं का महात्मा गांधी के जीवन में महत्वपूर्ण योगदान था और उन्होंने गांधी के सिद्धांतों और आंदोलनों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने गांधीजी के साथ मिलकर देश की आजादी की लड़ाई में महत्वपूर्ण योगदान दिया और उनके विचारों को जन-जन तक पहुंचाया।