
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के अनुग्रह पर उनके साथ फोन पर काफी देर वार्ता की। इसी बीच प्रधानमंत्री मोदी ने ऑपरेशन सिंदूर पर भारत-पाक एवं अमेरिका के मध्य हुए पूरे मामले में विस्तार से चर्चा की। इतना ही नहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्रंप को साफ तौर पर ये बोला है कि ऑपरेशन सिंदूर के समय सीजफायर तक जाने के लिए कभी भी किसी भी लेवल पर इंडिया-अमेरिका ट्रेड डील एवं अमेरिका के द्वारा इंडिया और पाक के मध्य मध्यस्थता जैसे विषयों को लेकर कोई भी चर्चा नहीं हुई थी। खबरों का कहना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने डोनाल्ड ट्रंप को इस बारें में भी साफ तौर पर जानकारी दी थी कि इंडिया और पाक के मध्य भारत ने न तो कभी किसी तरह की मध्यस्थता को स्वीकार किया था न ही कभी इसे स्वीकार करता और न ही कभी करेगा, अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए पीएम मोदी ने ये भी बोला है कि इंडिया इस मामले पर राजनितिक रूप से पूरी तरह से एकमत है।
मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं अमेरिका के प्रेसिडेंट के मध्य हुए इस फोन कॉल की पूर्ण जानकारी देते हुए विदेश के सचिव विक्रम मिसरी ने बोला है कि पीएम मोदी एवं ट्रंप की मुलाकात G-7 की साइडलाइन में होना तो तय ही थी, इतना ही नहीं पीएम मोदी कनाडा के कनानैस्किस G-7 समिट में भाग लेने के लिए गए हुए थे, इसके बाद ही ट्रंप को जल्दी लौटना पड़ गया इस कारण से ये मुलाकात नहीं हो सकी। इसके पश्चात प्रेसिडेंट ट्रंप के अनुरोध पर आज दोनों लीडर्स की फोन पर विस्तृत रूप से चर्चा हुई, ये वार्ता कम से कम 35 मिनट तक चली।
विदेशी सचिव मिसरी ने इस बारें में आगे जानकारी देते हुए कहा है कि बीते 22 अप्रैल 2025 को राष्ट्रपति ट्रंप ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को फोन पर शोक संवेदना व्यक्त की थी। इतना ही नहीं टेरर के विरुद्ध समर्थन भी देने की बात की, इसके पश्चात दोनों नेताओं के मध्य ये प्रथम वार्ता कही जा रही है।
अब तक मिली जानकारी के अनुसार ऑपरेशन सिंदूर के अंतर्गत जब इंडिया ने पाक को पहलगाम अटैक का जवाब दिया तो भारत-पाक के मध्य सीजफायर कराने का क्रेडिट राष्ट्रपति ट्रंप निरंतर लेते रहे, इतना ही हो ट्रंप ने कई मंचों में भी ये कहा है कि उन्होंने बिज़नेस का हवाला देकर इंडिया-पाक के मध्य सीजफायर कराया। इतना ही नहीं विदेशी सचिव ने अपनी बात को जारी रखते हुए ये भी बोला है कि प्रधानमंत्री ने ट्रंप से ऑपरेशन सिंदूर के बारे में खुलकर वार्ता की है, पीएम मोदी ने ये भी बोला है कि 22 अप्रैल के पश्चात इंडिया ने टेरर के विरुद्ध कार्रवाई करने का अपना दृढ़संकल्प पूरी दुनिया को बता डाला था।
मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ये भी बोला है कि 6-7 मई की रात इंडिया ने पाक और पाक अधिकृत कश्मीर में सिर्फ आतंकी ठिकानों को अपना टारगेट बनाया था। इंडिया के एक्शन बेहद ही मापा हुआ, सटीक और गैर-एस्केलेटरी थे। साथ ही इंडिया ने इस बारें में भी स्पष्ट कर दिया था कि पाक की गोली का जवाब भारत गोले से देगा। वहीं इस वार्ता में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इंडिया-पाक के मध्य हुए सीजफायर पर पूरी बात को स्पष्ट कर डाला है, अपनी बात को जारी रखते हुए उन्होंने ये भी बोला कि 9 मई की रात को उपराष्ट्रपति Vance ने पीएम मोदी को फोन किया था, उपराष्ट्रपति Vance ने बोला था कि पाक इंडिया पर बड़ा अटैक कर सकता है।
खबरों का कहना है कि पीएम मोदी ने उसे साफ शब्दों में कहा था कि ऐसा हुआ तो इंडिया पाक को उससे भी जवाब देगा, इसके बाद 9-10 मई की रात को पाक के अटैक का भारत ने बहुत सशक्त जवाब दिया एवं पाक आर्मी को बहुत नुकसान पहुंचाया। उसके मिलिटरी एयरबेसस को काम करने योग्य नहीं छोड़ा। वहीं इस बारें में मोदी ने ट्रंप ने बोला है कि इंडिया के मुहतोड़ जवाब की वजह से पाक को इंडिया से सैन्य कारवाई रोकने का आग्रह करना पड़ा।
पीएम मोदी ने राष्ट्रपति ट्रंप को स्पष्ट रूप से ये भी बोला है कि इस पूरे घटनाक्रम के समय कभी भी, किसी भी स्तर पर, भारत-अमेरिका ट्रेड डील या अमरीका द्वारा भारत एवं पाक के मध्य मध्यस्थता जैसे विषयों पर कोई भी चर्चा नहीं हुई थी।
कुछ रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि ट्रंप बार बार एक ही बात दोहराते रहते है कि उन्होंने ट्रेड का हवाला देकर इंडिया और पाक के मध्य सीजफायर करवाया है। इतना ही नहीं ट्रंप इंटरनेशनल और नेशनल मंचो पर इस बात का क्रेडिट लेते आए है। लेकिन इस बार स्वयं पीएम मोदी ने ट्रंप के सामने इस बात को स्पष्ट कर दिया कि सैन्य कारवाई रोकने की बात सीधे इंडिया और पाक के मध्य दोनों सेनाओं के मध्य मौजूदा चैनल के माध्यम से हुई पाक के ही अनुरोध पर हुई थी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इंडिया पाक के मध्य अमेरिका की मध्यस्थता के किसी भी तरह के प्रयास को सिरे से नकार दिया है, विदेश सचिव मिसरी के मुताबिक पीएम मोदी ने ट्रंप को इस बात पर जोर देकर बोला है कि इंडिया ने न कभी मध्यस्थता स्वीकार की थी, न करता है, और न ही कभी करेगा। इसी विषय पर इंडिया में पूर्ण रूप से राजनैतिक एकमत है।
अब जानकारी इस तरफ रुख कर रही है कि ट्रंप ने बीते दिन यानि 13 जून 2025 को एक बार फिर बोला था कि वह किसी भी परेशानी का निराकरण करवा सकते है, इंडिया एवं पाक के मध्य मामले को लेकर एक प्रश्न पर ट्रंप ने बोला कि दोनों देशों के मध्य लम्बे वक़्त से दुश्मनी चल रही है, दिनों देशों के एक साथ लेकर आएँगे, ट्रंप का बयान तो ये भी था कि जब व्हाइट हाउस प्रवक्ता टी ब्रूस ने कश्मीर केस अमेरिका के राष्ट्रपति के हस्तक्षेप ट्रंप का ये बयान तब आया था जब व्हाइट हाउस की प्रवक्ता टी ब्रूस ने कश्मीर मामले में अमेरिकी राष्ट्रपति के हस्तक्षेप को लेकर सवाल पर कहा था कि वह कुछ भी कर सकते हैं। लेकिन पीएम मोदी ने खुद ही आज अमेरिका की तरफ से बार बार आ रही पेशकश को पूर्ण रूप से ख़ारिज कर दिया है।
विदेश सचिव मिसरी ने इस बारें में बोला है कि डोनाल्ड ट्रंप पीएम द्वारा विस्तार से बताई गई बताओं को समझ लिया एवं आतंकवाद के विरुद्ध इंडिया की लड़ाई के प्रति समर्थन दिखाया है। पीएम नरेंद्र मोदी ने इस मुद्दे पर बोला है कि इंडिया अब तक आतंकवाद को प्रॉक्सी वॉर नहीं, युद्ध के रूप में ही देखता हुआ आया है, एवं भारत का ऑपरेशन सिंदूर अब भी चल रहा है।
विदेशी सचिव का इस पर बोलना है कि अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने पीएम नरेंद्र मोदी से पूछा कि क्या वे कनाडा से वापसी में अमेरिका रुक सकते हैं। वहीं पहले से निर्धारित कर्यक्रमों की वजह से पीएम मोदी ने इंकार कर दिया, दोनों नेताओं ने ये तय किया वे जल्द ही भविष्य में मिलने का प्रयास करेंगे।
अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए विदेशी सचिव ने ये जानकारी दी है कि ट्रंप और प्रधानमंत्री मोदी ने इजरायल-ईरान के मध्य चल रहे संघर्ष को लेकर भी वार्ता की है, रूस-यूक्रेन संघर्षों पर दोनों ने आपसी सहमति भी व्यक्त कर दी है कि वे जल्द से जल्द शांति के लिए दोनों पक्षों के साथ सीडी बात जरुरी है। इतना ही नहीं इंडो-पैसिफिक इलाके के संबंध में दिनों नेताओं ने अपने परिपेक्ष्य शेयर कर दिए है, एवं इस इलाके में QUAD की महत्वता के प्रति समर्थन जता दिया है।
कुछ रिपोर्ट्स का कहना है कि QUAD की अगली बैठक के लिए पीएम मोदी ने ट्रंप को भारत आने के लिए बोला है, ट्रंप ने इनविटेशन को स्वीकार करते हुए बोला है कि वह भारत आने के लिए उत्सुक है। इतना ही नहीं पीएम कनाडा से G7 शिरकत करने के बाद क्रोएशिया के लिए रवाना हुए।