
क्या अपने कभी सोचा है कि इतिहास के पन्नों में उन घटनाओं का जिक्र भी है, जिनकी कहानी ने हर किसी को हैरान-परेशान कर दिया है, शायद कुछ लोगों का कहना होगा नहीं और वहीं कुछ लोग कहेंगे हां, लेकिन आज हम आपके लिए इतिहास के उन्ही पन्नों से ढूंढ कर लाएं है ऐसी ख़बरें और कहानी जिनका अस्तित्व दुनिया में आज भी मौजूद है। आखिर क्या है इन अजीबोगरीब किस्सों की हकीकत, चलिए जानते है...
एक ऐसे मासूम बच्चे की पेंटिंग, जिसे एक बार घर में लाने के बाद उसे बाहर फेंक दिया गया, दरअसल मासूम बच्चे की इस पेंटिंग की वजह से लोगों के घरों में लगी आग के कारण पूरे शहर में इस पेंटिंग को लेकर चर्चा होने लग गई थी। लोगों ने इस पेंटिंग को श्रापित पेंटिंग का नाम दिया है, असल में इटली के महान पेंटिंग आर्टिस्ट Giovanni Bragolin के द्वारा बनाई गई एक रोते हुए बच्चे की पेंटिंग जिसे उन्होंने The Crying Boy का नाम दिया था, वर्ष 1950 में इस पेंटिंग में उन्होंने इतनी जान डाल दी थी कि इस पेंटिंग की जितनी भी कॉपी बनाई गई थी वह सभी देखते देखते बिक गई। उस समय इस पेंटिंग का रुतवा चारों तरफ तेजी से बढ़ता चला गया। लोग इस मासूम बच्चे की पेंटिंग को देखते हु भावुक हो जाते थे, जिसकी वजह से उन लोगों ने इस पेंटिंग को खरीद कर घरों में रखना शुरू कर दिया। बस यहीं से उन लोगों की जिंदगी में कई तरह की परेशानी आना शुरू हो गई। उस समय अग्नि शामक कर्मचारी का कहना था कि जिस भी घर में आग लगी थी उस जगह इस रोते हुए बच्चे की पेंटिंग पाई गई थी। कर्मचारी ने आगे बताया था कि हैरानी की बात तो तब थी जब पूरा का पूरा घर जल गया लेकिन इस पेंटिंग को एक खरोंच भी नहीं आई। इसके बाद से लोग ये मानाने लगे कि इस रोते हुए बच्चे में बुरी शक्तियों का वास है, जिसके बाद से ही ऐसे हादसे होने लगे, इसके बाद से ही लोगों ने इस रोते हुए बच्चे की पेंटिंग को बाहर कर दिया, और ऐसा करते ही हादसों में कमी देखने के लिए मिली, इससे एक बात और लोगों में साफ़ हो गई कि ये तस्वीर श्रापित थी। इस पेंटिंग को लेकर कई डॉक्यूमेंट्री और मूवीज भी बनाई गई है।
एक ऐसी बड़ी मौत की घटना जो आज भी लोगों के लिए बड़ा रहस्य बनी हुई है, जिसने दिल्ली जैसे बड़े शहर द्वारिका जैसी सोसाइटी तक को हिला कर रख दिया, एक ऐसा व्यक्ति जिसे भूतों से कभी डर नहीं लगता था और भूतों के लिए बारें में काफी जानकारी भी रखता था, जिसे लोग पैरानॉर्मल एक्सपर्ट कहकर पुकारते थे। वह इंडियन पैरानॉर्मल सोसाइटी के CEO थे, इस शख्स का नाम गौरव तिवारी था, उन्होंने 6000 से अधिक ऐसी डरावनी जगहों पर अपनी रिसर्च को अंजाम दे चुके थे। जहां किसी के भी जाने की हिम्मत नहीं होती थी, गौरव तिवारी रात के समय में भी ऐसी डरावनी जगहों पर चले जाते थे, और अपने यंत्रों की मदद से भूतों से बात किया करते थे, गौरव तिवारी का ये मानना था की जैसी जिंदगी हमारी ठीक उसी तरह से भूत भी अपनी जिंदगी जीते है। जब तक कोई उनकी लाइफ दखल न करे तब तक वह भी किसी को परेशान नहीं करते। इसके अलावा गौरव तिवारी ने इंटरव्यू में जानकारी दी थी कि 98 प्रतिशत भूतों की कहीं जाने वाली बात केवल अफवाह होती है, सिर्फ 2 प्रतिशत ही सही होती है, एक बार गौरव तिवारी ने अपने घर के बेडरूम में अपनी पत्नी के साथ एक बात शेयर करते हुए कहा, कोई ऐसी अद्भुत शक्ति अपनी ओर खींचना चाहती है और अपने साथ चलने के लिए कहती है। थोड़े ही देर बाद गौरव बाथरूम में जाते है अपने नल को खोल कर चेहरा धोना शुरू ही करते है कि उसी समय एक आवाज आती है और ये आवाज उनके गिरने की थी। तभी तुरंत उनके घर वाले वहां पहुंचे और उन्होंने देखा कि गौरव जमीन पर बेसुध हालत में पड़े हुए है। जिसके तुरंत बाद ही उन्हें हॉस्पिटल लेकर पहुंचे जब डॉक्टर ने उन्हें देखा तो गौरव की मौत पहले ही हो गई थी, हैरान करने वाली बात तो ये थी कि गौरव को न तो हार्ट अटैक आया और नहीं उनके शरीर पर किसी भी तरह की कोई चोट थी। ये सारी घटना किसी पहेली से कम नहीं थी, आज भी ये बात साफ़ नहीं हो पाई है कि गौरव की मौत कैसे हुई।
उत्तरी इटली के वेनिस लैगून में वेनिस और लिडो के बीच स्थित पोवेग्लिया नाम का एक छोटा सा द्वीप है, जो कि आइलैंड ऑफ़ डेथ के नाम से जाना जाता है, इसके पीछे एक किस्सा है, और इसकी वजह से इसे इतिहास के पन्नों में दर्ज किया गया है। दरअसल आज से 3000 साल पूर्व जब इटली में एक भयानक बीमारी प्लेग का कहर था उस वक़्त इस बीमारी की चपेट में आए लोगों को इस आइलैंड पर रखा गया था। जिसके बाद से इस जगह पर मरीजों की संख्या इस कदर बढ़ने लगी कि इस महामारी से ग्रस्त होने के बाद बहुत से लोगों की मौत होने लगी। प्लेग बीमारी का कोई भी उपचार न होने की वजह से उस वक़्त के शासक ने इस आइलैंड पर लोगों को जिन्दा जला दिया। यहाँ जलाए जाने वाले लोगों की संख्या 1।60 लाख से ज्यादा थी। इसके बाद जितनी भी मौते प्लेग की वजह से हुई उसके बाद लोगों यहाँ लाकर दफन कर दिया गया, इसकी वजह से इस आइलैंड को भूतों का आइलैंड कहा जाने लगा। इसके कुछ समय के बाद वर्ष 1922 में एक मेन्टल हॉस्पिटल आइलैंड पर बनाया गया, जिसके बाद यहाँ दिमागी रूप से बीमार लोगों का उपचार किया जाने लगा, इतना ही नहीं इस जगह पर डॉक्टर्स और स्टाफ के अलावा कुछ मरीजों ने भी भूतों को देखा था, और कुछ समय के बाद डॉक्टर और स्टाफ की डेड बॉडी रहस्यमय ढंग से मिलने लगी इसके साथ ही कई मरीजों की मौत भी हुई, कुछ समय के बाद इस आइलैंड को पूरी तरह से बंद कर दिया गया, यहाँ की सरकार ने इस जगह पर लोगों के आगमन पर प्रतिबंध लगा दिया, लेकिन जब इस आइलैंड को बेचने की कोशिश की गई तो इसके श्रापित होने की वजह से इसे किसी ने भी नहीं ख़रीदा। ऐसा कहा जाता है कि ये आज भी सूनसान पड़ा हुआ है।
कहने के लिए तो ये सिर्फ एक किताब है, लेकिन इतहास के पन्नों में इस किताब को डेविल्स बाइबिल के नाम से जाना जाता था, ऐसा कहा जाता है कि इस किताब को शैतान ने एक ही दिन में लिखा था। इस किताब पर आपको शैतान के चित्र आज भी देखने के लिए मिल जाएंगे। इसके अलावा ये जादुई शैतानी किताब कई रहस्य से भरी हुई है, ऐसा भी बोला जाता है कि जिस किसी ने भी इस किताब को पढ़ा वह पागल हो गया, या फिर उसकी मौत हो गई। दरअसल इस डरावनी किताब को कागज के पन्नो पर नहीं बल्कि इसे लिखने के लिए चमड़े का इस्तेमाल किया गया है, इस किताब में लगभग 310 पन्ने जिनका वजन, लगभग 85 किलो तक है। जिसे आज भी स्वीडन की लायब्रेरी में रखा गया है, और इसे देखने के लिए हजारों की तादाद में लोग रोजाना आते है। यदि आप भी इसे देखना चाहते है तो आप स्वीडन लायब्रेरी जाना पड़ेगा।
5. बरोग सुरंग-33 (Barog tunnel-33) :
हिमाचल प्रदेश के शिमला कालका हैरिटेज दुनियाभर में फेमस है, जहां पर पर्यटक एक छोटी सी रेलवे ट्रैक का आनंद लेने के लिए दूर दूर से आते है, ब्रिटिश काल के दौरान बनाई गई इस रैलवेट्रैक के ऊपर एक टनल भी है जो कि हॉन्टेड टनल 33 के नाम से भी जाना जाता है। हॉन्टेड-33 का नाम इसलिए पड़ा क्यूंकि ब्रिटिश काल के दौरान इस टनल के निर्माण का कार्य एक ब्रिटिश इंजिनियर कर्नल बारोक को दिया गया था, जिसके बाद इस टनल के दोनों तरफ मार्क लगाकर खुदाई का काम शुरू कर दिया गया और इसी दौरान खुदाई करते हुए इस टनल के दोनों छोर आपस में नहीं मिल पाए तो ब्रिटिश सरकार ने कर्नल बारोक को बर्खास्त करके 1 रूपए जुर्माना लगा दिया। इस कांड को कर्नल बारोक में अपनी बदकिस्मती समझी और उसी टनल के पास खुद को मौत के घाट उतार लिया। तब से ही इस टनल के पास कई ऐसी घटनाएं घटनी लगी जिसकी वजह से इसे भूतिया कहा जाने लगा आसपास के इलाके में रहने वाले लोगों का मानना था कि यहाँ पर कर्नल बारोक की आत्मा भटकती है।