तवांग में मौजूद है कई झील और हील स्टेशन जो जीत लेंगे आपका दिल

तवांग, अरुणाचल प्रदेश का एक प्रसिद्ध पर्वतीय स्थल है, जो तवांग मठ, सेला दर्रा, और नुरानांग जलप्रपात जैसे स्थलों के लिए जाना जाता है। यह बौद्ध संस्कृति और प्राकृतिक सौंदर्य का अनूठा संगम है। 1962 के भारत-चीन युद्ध में इसकी रणनीतिक भूमिका भी रही।

तवांग में मौजूद है कई झील और हील स्टेशन जो जीत लेंगे आपका दिल

तवांग की अपार खूबसूरती जीतेगी आपका दिल

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Highlights

  • तवांग मठ की स्थापना।
  • शिमला समझौता, मैकमाहन रेखा का निर्धारण।
  • दलाई लामा का भारत में प्रवेश।

तवांग, अरुणाचल प्रदेश के पश्चिमी छोर पर बसा हुआ एक सुरम्य पर्वतीय नगर है, जो अपनी आध्यात्मिकता, प्राकृतिक सौंदर्य और सांस्कृतिक विविधता के लिए जाना जाता है। यह स्थान न केवल इंडिया के सबसे बड़े बौद्ध मठों में से एक का घर है, बल्कि यहाँ की बर्फ से ढकी चोटियाँ, शांत झीलें और ऐतिहासिक स्थल भी पर्यटकों को आकर्षित करता है।

तवांग में घूमने के प्रमुख स्थल :

1. तवांग मठ (Tawang Monastery): तवांग मठ भारत का सबसे बड़ा और वर्ल्ड का दूसरा सबसे बड़ा बौद्ध मठ है। यह मठ 17वीं सदी में स्थापित हुआ था और यहाँ लगभग 450 भिक्षु अपना जीवन जीते है। मठ की वास्तुकला और यहाँ से दिखने वाला हिमालय का दृश्य अत्यंत मनोहारी बताया जाता है।

2. सेला दर्रा (Sela Pass): सेला दर्रा समुद्र तल से 4,176 मीटर की ऊँचाई पर बसा हुआ है और यह तवांग को अन्य भागों को आपस में जोड़कर रखता है । यहाँ की झीलें और बर्फ से ढके पहाड़ यात्रियों को मंत्रमुग्ध कर देते हैं। इतना ही नहीं यहाँ की खूबसूरती देखने के लिए लोग दूर दूर से आते है।

3. नुरानांग जलप्रपात (Nuranang Falls): यह 100 मीटर ऊँचा जलप्रपात तवांग से लगभग 40 किलोमीटर की दूरी पर बसा हुआ है। यह स्थान "माधुरी फॉल्स" के नाम से भी जाना जाता है, क्योंकि यहाँ फिल्म "कोयला" की शूटिंग हुई थी। यहाँ मौजूद माधुरी फॉल्स लोगों को अपना दीवाना बना लेता है।

4. बुमला दर्रा (Bumla Pass): भारत-चीन सीमा पर स्थित यह दर्रा समुद्र तल से 15,200 फीट की ऊँचाई पर है। यहाँ जाने के लिए विशेष अनुमति लेना पड़ता है इसके बिना आप इस जगह पर घूम नहीं पाएंगे। यह स्थान ऐतिहासिक रूप से महत्वपूर्ण है, क्योंकि 1962 के भारत-चीन युद्ध में यह एक प्रमुख स्थल था।

5. माधुरी झील (Shonga-tser Lake): यह झील भी "माधुरी झील" के नाम से लोगों के बीच बहुत ही ज्यादा प्रसिद्ध है। यह झील बर्फ से ढके पहाड़ों के बीच स्थित है और यहाँ की शांति और सुंदरता अद्वितीय है।

6. पीटी सो झील (PT Tso Lake): यह झील तवांग से लगभग 17 किलोमीटर दूर पर बसी हुई है । यहाँ की शांत जलराशि और आसपास के बर्फ से ढके पहाड़ एक अद्भुत नजारें देखने के लिए मिलते है। लोगों को ये जगह इसलिए पसंद है क्यूंकि यहाँ जो शांति का आभास होता है वो दुनिया के किसी भी हिस्से में नहीं होता।

7. गोरीचेन चोटी (Gorichen Peak): यह चोटी समुद्र तल से 6,500 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है और यह अरुणाचल प्रदेश की सबसे ऊँची चोटी है। यह ट्रेकिंग और पर्वतारोहण के शौकीनों के लिए एक बेहद ही अच्छी जगह कही जाती है।

8. जसवंत गढ़ (Jaswant Garh): यह स्मारक 1962 के भारत-चीन युद्ध के वीर सैनिक जसवंत सिंह रावत की स्मृति में बनाया गया है। यह स्थान देशभक्ति की भावना से ओत-प्रोत है।

9. तवांग युद्ध स्मारक (Tawang War Memorial): यह स्मारक 1962 के युद्ध में शहीद हुए सैनिकों की स्मृति में बनाया गया है। यहाँ की दीवारों पर शहीदों के नाम अंकित हैं और यह स्थान श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए उपयुक्त है।

10. ग्यांगोंग आनी गोम्पा (Gyangong Ani Gompa): यह मठ विशेष रूप से महिला भिक्षुओं के लिए है। यहाँ की शांति और आध्यात्मिक वातावरण आत्मा को सुकून प्रदान करता है।
 

तवांग यात्रा का सर्वोत्तम समय

मार्च से जून: इस अवधि में मौसम सुखद रहता है और तापमान 10°C से 25°C के बीच होता है। यह समय प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद लेने के लिए उपयुक्त है।
सितंबर से अक्टूबर: इस समय मौसम साफ और ठंडा होता है, जो पर्वतीय दृश्यों के लिए आदर्श है।
नवंबर से फरवरी: इस अवधि में भारी बर्फबारी होती है, जिससे सड़कें अवरुद्ध हो सकती हैं। यदि आप बर्फबारी का आनंद लेना चाहते हैं, तो यह समय उपयुक्त है, लेकिन यात्रा की योजना सावधानीपूर्वक बनाएं।

तवांग की यात्रा कैसे करें? : 

हवाई मार्ग: निकटतम हवाई अड्डा तेजपुर (Tezpur) में है, जो तवांग से लगभग 320 किलोमीटर दूर है। यहाँ से तवांग तक सड़क मार्ग से यात्रा करनी होती है।
सड़क मार्ग: गुवाहाटी से तवांग तक लगभग 16 घंटे की यात्रा है। यह मार्ग सुंदर दृश्यों से भरपूर है, लेकिन कुछ स्थानों पर सड़कें कठिन हो सकती हैं।
विशेष अनुमति: तवांग की यात्रा के लिए भारतीय नागरिकों को इनर लाइन परमिट (ILP) की आवश्यकता होती है, जिसे ऑनलाइन या संबंधित कार्यालयों से प्राप्त किया जा सकता है।

तवांग की स्थानीय भोजन संस्कृति: तवांग की भोजन संस्कृति तिब्बती और अरुणाचली व्यंजनों से प्रभावित है। यहाँ के प्रमुख व्यंजनों में मोमोज़, थुकपा, याक मांस से बने व्यंजन और बटर टी शामिल हैं। स्थानीय बाजारों में इन व्यंजनों का स्वाद लेना एक अनूठा अनुभव होता है।

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