यूरोप की सबसे ऊंची चोटी पर पहुंची मैहर जिले की बेटी, तिरंगा लहराकर रचा इतिहास

मध्य प्रदेश के मैहर जिले के छोटे से गांव बेंदुरा कला की रहने वाली अंजना सिंह ने देश का गौरव बढ़ा दिया है। उन्होंने यूरोप की सबसे ऊंची चोटी पर पहुंचकर तिरंगा लहराया।

यूरोप की सबसे ऊंची चोटी पर पहुंची मैहर जिले की बेटी, तिरंगा लहराकर रचा इतिहास

मैहर जिले की बेटी अंजना सिंह ने यूरोप की सबसे ऊंची चोटी पर लहराया तिरंगा

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Highlights

  • मैहर जिले की अंजना सिंह ने रचा इतिहास।
  • यूरोप की सबसे ऊंची चोटी पर पहुंचकर अंजना सिंह ने लहराया तिरंगा।
  • शून्य तापमान में भी अंजना ने नहीं हारी हिम्मत।

मैहर: मध्य प्रदेश के मैहर जिले के छोटे गांव में रहने वाली अंजना सिंह ने देश का नाम रोशन कर दिया है। दरअसल अंजना सिंह ने बीते दिन यानि रविवार 27 जुलाई 2025 की सुबह 6 बजे यूरोप की सबसे ऊंची चोटी माउंट एल्ब्रस (5,642 मीटर/18,510 फीट) पर चढ़ाई कर देश का तिरंगा फहरा दिया है। इस बारें में आपको जानकर हैरानी होगी कि ये चढ़ाई इतनी भी आसान नहीं थी, चोटी पर पहुंचते वक्त तापमान शून्य से नीचे पहुंच जाता है, और बर्फीली हवाएं चल रही थीं। इतने कठिन मौसम में भी अंजना ने हार नहीं मानी। जैसे-जैसे ऊंचाई बढ़ती गई, उन्हें सांस लेने में परेशानी होने लगी, लेकिन उन्होंने फिर भी हिम्मत नहीं हारी।

अंजना ने इस बारें में जानकारी दी है कि इस बीच एक दाई शेरपा ने उन्हें ऑक्सीजन बैग देकर उनकी सहायता की थी। कुछ देर के पश्चात हालत सामान्य हुई और उन्होंने अपनी चढ़ाई जारी रखी। आखिरकार, उन्होंने सफलता से माउंट एल्ब्रस पर चढ़ाई पूरी की और वहां भारत का तिरंगा फहराया।

खबरों का कहना है कि अंजना का सफर एक छोटे किसान परिवार से शुरू हुआ। उनके पिता राजेश सिंह गांव बेंदुरा कला में किसान है एवं खेती का काम करते है, इस बारें में अंजना ने कहा है कि उनका सपना केवल उनका नहीं, बल्कि पूरे गांव एवं जिले की उम्मीदों के साथ जुड़ा हुआ था। उन्होंने हर कदम पर अपने परिवार को याद किया।

इतना ही नहीं अपनी इस कामयाबी का श्रेय अंजना ने अपने माता-पिता और गुरुओं को दिया है। अपनी बात को जारी रखते हुए अंजना सिंह ने कहा है कि, मेरे मां-पिता का त्याग और मेरे शिक्षकों का मार्गदर्शन ही मेरी असली शक्ति है। अंजना ने जानकारी दी है कि कठिन हालातों में भी उनके परिवार ने हमेशा उनका साथ दिया।

वहीं जब बेंदुरा गांव के लोगों को पता चला तो गांव में खुशी का माहौल साफ दिखाई दिया। ग्रामीणों ने इस बात की जानकारी दी कि गर्व हो रहा है कि उनके गांव की बेटी ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश, प्रदेश और जिला का नाम रोशन कर दिया है। इतना ही नहीं अंजना का यह कदम हर उस बेटी के लिए मिसाल है, जो छोटे गांव से निकलकर कुछ बड़ा करने की चाह रखती है, और उन्होंने सी बात को साबित कर दिया कि यदि इरादा मजबूत हो तो कोई भी शिखर दूर नहीं।

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