बिहार चुनाव से पहले पीएम ने की नई घोषणा- भव्य रूप से मनाई जाएगी ज्योतिबा फुले की जयंती

बिहार विधानसभा चुनाव से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ज्योतिबा फुले की 200वीं जयंती भव्य रूप से मनाने की घोषणा की। यह OBC समुदाय के लिए अहम कदम है। फुले के सिद्धांतों को अपनाते हुए सरकार पिछड़ों, दलितों और वंचितों के कल्याण के लिए पारदर्शी नीतियों के साथ सक्रियता से काम कर रही है।

बिहार चुनाव से पहले पीएम ने की नई घोषणा- भव्य रूप से मनाई जाएगी ज्योतिबा फुले की जयंती

भव्य रूप से मनाई जाएगी ज्योतिबाई फूले की 200वीं जयंती

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Highlights

  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने समाज सुधारक ज्योतिबा फुले की 200वीं जयंती को भव्य रूप से मनाने की घोषणा की।
  • बिहार विधानसभा चुनाव से पहले मोदी सरकार का बड़ा फैसला।
  • प्रधानमंत्री मोदी ने योजनाओं को 'सैचुरेशन' के साथ लागू करने पर दिया जोर।

पटना: बिहार में इस वर्ष होने वाले विधानसभा चुनावों को देखते हुए भारतीय जनता पार्टी  समेत सभी राजनीतिक दल अपनी तैयारियों में जुट गए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चुनाव से पहले एक बड़ा कदम उठाया है। 15 अगस्त को लाल किले से राष्ट्र को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महत्वपूर्ण एलान कर दिया है। उन्होंने 19वीं सदी के समाज सुधारक ज्योतिबा फुले की दूसरी जन्म शताब्दी को भव्य रूप से मनाने की बात बोली। इसे OBC समुदाय के लिए एक अहम कदम बताया जा रहा है, क्योंकि OBC ज्योतिबा फुले को बहुत सम्मान देते हैं। फुले ने जातिवाद के विरुद्ध संघर्ष किया और महिलाओं की शिक्षा को बढ़ावा दिया।


ज्योतिबा फुले की 200वीं जयंती मनाने की घोषणा :

इतना ही नहीं पीएम नरेंद्र मोदी ने इस बारें में कहा है कि आगामी समय में हम महान समाज सुधारक ज्योतिबा फुले की 200वीं जयंती धूमधाम से मानने वाले है। इस मौके पर उत्सव की शुरुआत की जाने वाली है। फुले के सिद्धांत और 'पिछड़ों को प्राथमिकता' का मंत्र हमारे लिए प्रेरणास्रोत हैं। ज्योतिबा फुले का जन्म माली जाति में हुआ था। इस समारोह के माध्यम से उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर सम्मान प्राप्त होगा। भारतीय जनता पार्टी ने ज्योतिबा फुले और उनकी पत्नी सावित्रीबाई फुले को पहले ही अपने आदर्शों में शामिल कर लिया है।

प्रधानमंत्री मोदी ने लिया अहम निणर्य :

सावित्रीबाई फुले को महिलाओं की शिक्षा के लिए उनके 'भावुक और अथक' कोशिहों के लिए भी जाना जाता है। अब मोदी सरकार उनकी 200वीं जयंती को मनाकर उन्हें और अधिक सम्मान दे रही है। प्रधानमंत्री मोदी ने इस बारें में अपनी बात कि उनकी सरकार फुले के मंत्र को लागू करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने अपनी बात को जारी रखते हुए कहा है कि पिछड़ों को प्राथमिकता देकर हम विकास की नई ऊंचाइयों को छूना चाहते हैं। इसके लिए हम पूरे प्रयास करेंगे। पारदर्शी नीतियों के जरिए हम 'पिछड़ों को प्राथमिकता' को वास्तविकता में बदलना चाहते हैं, ताकि यह हर पिछड़े व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लेकर आए।

बिहार चुनाव से पहले बीजेपी का OBC पर फोकस :

खबरों का कहना है कि पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा ज्योतिबा फुले को लेकर की गई महत्वपूर्ण घोषणा के कई राजनीतिक निहितार्थ निकाले जा रहे हैं। इतना ही नहीं जल्द ही उपराष्ट्रपति का चुनाव होने वाला है और भारतीय जनता पार्टी अध्यक्ष के चयन का फैसला भी होना है। साथ ही, बिहार विधानसभा चुनाव भी नजदीक हैं, जहां ओबीसी समुदाय की भूमिका निर्णायक होगी। ज्योतिबा फुले का बिहार के OBC समुदाय पर गहरा प्रभाव रहा है। कुशवाहा और कोइरी जैसी मध्यवर्ती जातियां, जो माली जाति की तरह बागवानी से जुड़ी हैं, उन्हें अपना प्रेरणास्रोत मानती हैं।

सरकार को जन-समर्थक होना चाहिए: PM मोदी

प्रधानमंत्री ने दलितों और अन्य वंचित वर्गों का भी जिक्र किया। उन्होंने अपनी बात को जारी रखते हुए ये भी कहा है कि सरकार को उनके जीवन को बेहतर बनाने के लिए सक्रियता से काम करना चाहिए। उन्होंने कहा कि चाहे वे दलित हों, पीड़ित हों, शोषित हों, या वंचित हों, सरकार को उनके लिए सकारात्मक और सक्रिय रुख अपनाना चाहिए। सरकार को जन-हितैषी होना चाहिए।

वंचित वर्गों के कल्याण पर ध्यान केंद्रित करना : 

प्रधानमंत्री मोदी ने बोला है कि कुछ लोगों को गलतफहमी है कि उनकी सरकार वंचित वर्गों के कल्याण के लिए वैसी ही योजनाएं लागू कर रही है जैसी इससे पहले की सरकारों ने लागू की थी। पीएम नरेंद्र मोदी ने इस बारें में कहा है कि हम योजनाओं को जमीन पर लागू कर रहे हैं। हम 'सैचुरेशन' पर जोर देते हैं क्योंकि अगर सामाजिक न्याय का सही अर्थ है, तो वह 'सैचुरेशन' में है, जहां कोई भी योग्य व्यक्ति छूट न जाए। यानी हर जरूरतमंद तक योजना का लाभ पहुंचे।

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