कृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह मामले में हिंदू पक्ष को झटका, हाई कोर्ट ने खारिज की याचिका

मथुरा श्री कृष्ण जन्मभूमि और बावरी मस्जिद के विवाद पर आज इलाहाबाद हाई कोर्ट ने दाखिल याचिका को ख़ारिज कर दिया है, कोर्ट ने ये भी कहा है की शाही ईदगाह को विवादित परिसर नहीं कहा जा सकता है।

कृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह मामले में हिंदू पक्ष को झटका, हाई कोर्ट ने खारिज की याचिका

मथुरा श्री कृष्ण जन्मभूमि और बावरी मस्जिद के विवाद पर हाई कोर्ट ने ख़ारिज की याचिका

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Highlights

  • मथुरा स्थित श्री कृष्ण जन्मभूमि - शाही ईदगाह केस में बड़ा अपडेट।
  • इलाहबाद हाई कोर्ट ने ख़ारिज की हिन्दू पक्ष की याचिका।
  • हिन्दू पक्ष का दावा-प्राचीन मंदिर को तोड़कर बनाई गई थी मस्जिद।

मथुरा: मथुरा में बसी श्री कृष्ण जन्मभूमि - शाही ईदगाह केस में इलाहबाद हाई कोर्ट ने बड़ा निर्णय ले लिया है, कोर्ट ने शाही ईदगाह को विवादित परिसर से मना किया। ये निर्णय जस्टिस राम मनोहर मित्र की सिंगल ने सुनाया कोर्ट ने ये बोला हिअ कि मौजूद चीजों एवं याचिका के आधार पर ईदगाह को अभी विवादित ढांचा नहीं कहा जा सकता। इतना ही नहीं हिन्दू पक्ष की तरफ से ये भी दवा किया गया था कि ईदगाह का निर्माण श्रीकृष्ण की जन्भूमि पर स्थित प्राचीन मंदिर को तोड़कर बनाया गया है।  हिन्दू पक्ष के पक्षकार महेंद्र प्रताप सिंह ने हाई कोर्ट में 5 मार्च 2025 को मथुरा स्थित शाही ईदगाह मस्जिद को विवादित ढांचा घोषित किए जाने की अपील करते हुए प्रार्थना पत्र दाखिल कर दिया था, इस पर इस वर्ष 23 मई 2025 को इलाहबाद हाई कोर्ट में बहस पूरी हो चुकी है, एवं कोर्ट ने अपना निर्णय सुरक्षित कर लिया था। 

पहले से था वहां मंदिर : 

खबरों का कहना है कि पक्षकार महेंद्र प्रताप सिंह एडवोकेट ने मासिर ए आलम से लेकर मथुरा के कलेक्टर रह चुके FS ग्राउस तक वक़्त में लिखी गई इतिहास की पुस्तकों का हवाला देते हुए बोला है कि वहां पहले मंदिर था, लेकिन वहां पर मस्जिद होने का कोई भी साक्ष्य आज तक शाही ईदगाह मस्जिद पक्ष कोर्ट में पेश नहीं कर पाया, साथ ही न खसरा खतौनी में मस्जिद का नाम है एवं न ही नगर निगम में उसका किसी भी तरह का कोई रिकॉर्ड है, न अब तक किसी भी प्रकार का कोई भी टैक्स दिया जा रहा है, उनका ये भी दावा है कि शाही ईदगाह प्रबंध कमेटी के विरुद्ध बिजली चोरी की रिपोर्ट्स भी की जा चुकी है, फिर इसे मस्जिद क्यों बोला जाए ऐसे में मस्जिद विवादित ढांचा घोषित हो। 

क्या है हिन्दू पक्ष का दावा? : 

इस बहस के बीच खास बात ये रही कि सभी हिन्दू पक्षकारों ने महेंद्र प्रताप सिंह की ही दलीलों का समर्थन किया एवं 23 मई को इस केस में न्यायाधीश राम मनोहर नारायण मिश्र के कोर्ट में बहस पूरी हो चुकी है। इस सुनवाई में महेंद्र प्रताप सिंह ने कोर्ट में बोला कि  भारतीय पुरातत्व विभाग के सर्वेक्षण में यह सब स्पष्ट हो जाएगा। उन्होंने मुकदमे की प्रकृति को कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत करते हुए बोला है कि किसी की जमीन पर अतिक्रमण करके बैठ जाने से वह जमीन उसकी नहीं हो पाएगी। 
 
अपनी बात को जारी रखते हुए महेंद्र प्रताप सिंह कोर्ट में ये बोला है कि भारतीय पुरातत्व मंत्रालय के सर्वेक्षण में ये सब स्पष्ट हो जाएगा, उन्होंने मुक़दमे की प्रकृति को कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत करते हुए बोला है कि किसी भी जमीन पर अतिक्रमण करके बैठ जाने से वह जमीन उसकी नहीं हो पाएगी, इसके साथ ही उन्होंने कोर्ट  को जानकारी दी थी कि जो प्रकरण अयोध्या में राम मंदिर एवं बाबरी मस्जिद का था, ठीक इसी तरह एक मामला मथुरा में भगवान श्री कृष्ण की जन्मभूमि का है।

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