भारत को चीन ने बताया आक्रामक देश, कहा- हथियार की तरह कर रहा पानी का इस्तेमाल

पाकिस्तान की बौखलाहट का कारण ये है कि सिंधु जल समझौते के अंतर्गत उसे भारत से 3 प्रमुख नदियों का पानी दिया जाता है। संधि का स्थगन इस सप्लाई पर सीधा प्रभाव डालेगा. साथ ही अब चीन भी पाकिस्तान का साथ दे सकता है।

भारत को चीन ने बताया आक्रामक देश, कहा- हथियार की तरह कर रहा पानी का इस्तेमाल

भारत के विरुद्ध पाकिस्तान का साथ देगा चीन

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Highlights

  • पानी की एक एक बूँद के लिए तरस रहा पकिस्तान।
  • चीन ने सिंधु जल संधि में हस्तक्षेप करने का लिया फैसला।
  • पाकिस्तान की सहायता करेगा चीन, भारत को बताया आक्रामक देश।

जम्मू: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल 2025 को हुए आतंकी अटैक में 26 लोगों की मौत के पश्चात भारत ने वर्ष 1960 से लागू सिंधु जल संधि को रोकने का फैसला किया था, भारत ने अटैक के लिए पाक को जिम्मेदार ठहराया था एवं इसके पश्चात 4 दिवसीय सैन्य अभियान 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत पाक व POK में मौजूद आतंकी अड्डों पर अटैक कर दिया, पाक के बौखलाहट का एक कारण ये भी है कि इस समझौते के अंतर्गत उसे भारत से 3 प्रमुख नदियों से पानी मिल रहा है। संधि का स्थगन इस सप्लाई पर सीधा प्रभाव डाल सकता है।

चीन कर सकता है सिंधु जल संधि में हस्तक्षेप :

खबरों का कहना है कि चीन ने भी अब इस मामले में अपनी रूचि दिखा दी है, एक रिपोर्ट में तो ये भी कहा गया है कि चीन सिंधु जल संधि में हस्तक्षेप कर सकता है, जो क्षेत्रीय तनाव को बढ़ाने का काम करेगा, इतना ही नहीं भारत को डर है कि चीन अपनी सीमा से भारत में बहने वाली नदियों का प्रवाह बाधित कर सकती है।

वहीं ये भी कहा जा रहा है कि  चीनी मीडिया ने भारत को ‘आक्रामक’ कहते हुए पानी को हथियार के तौर पर उपयोग करने की आशंका भी व्यक्त कर दी है। साथ ही चीन ने यह भी घोषणा की है कि वह सिंधु की सहायक नदी पर मोहमंद डैम प्रोजेक्ट को और भी तेजी से पूरा करना है, जिससे पाकिस्तान को ही लाभ मिलेगा एवं भारत पर रणनीतिक दबाव को और भी ज्यादा बढ़ा देगा।

भारत में कई विशेषज्ञों का इस बारें में कहना है कि सिंधु जल संधि की शर्तें पाक के लिए आवश्यकता से अधिक उदार रही हैं। इतना ही नहीं लगभग 65% पाक की आबादी सिंधु बेसिन में रहती है, जबकि भारत में यह आंकड़ा महज 14% है। ऐसे में भारत के इस कड़े रुख ने पाक को रणनीतिक रूप से असहज स्थिति में दाल रखा है।

पाक की सहायता के लिए चीन ने बढ़ाया हाथ :

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार चीन अब खुद को सिंधु जल संधि का एक अहम पक्षकार मानने लग गया है। चीनी मीडिया ने इस मामले पर इंडिया को आक्रामक बताते हुए चेतावनी जारी की है कि यदि भारत ‘पानी को हथियार’ की तरह उपयोग करता है, तो इसके गंभीर परिणाम भी देखने के लिए मिल सकते है। अब ये भी कहा जा रहा है कि सिंधु नदी का स्रोत चीन के पश्चिमी तिब्बत इलाके में है, जो इस विवाद को और संवेदनशील बना रहा है। इसी के साथ चीन ने यह भी घोषणा की है  कि वह पाकिस्तान में सिंधु की सहायक नदी पर मोहमंद हाइड्रो प्रोजेक्ट के निर्माण कार्य में तेजी लेकर आ सकता है। यह कदम भारत के लिए एक कूटनीतिक संदेश भी कहा जा रहा है।

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