प्रत्येक वर्ष आषाढ़ के माह की कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि के दिन योगिनी एकादशी का व्रत होता है , इस बार योगिनी एकादशी इसी माह 21 जून 2025 के दिन होने वाला है, ऐसा कहा जाता है कि योगिनी एकादशी के दिन किया गया व्रत और पूजन करने से व्यक्ति को 88000 ब्राह्मणों को भोजन करवाने के जितना पुण्य मिलता है, योगिनी एकादशी के दिन भगवान नारायण की खास पूजा की जाती है, धार्मिक ग्रंथों की माने तो इस दिन व्रत करने से हर व्यक्ति के सारे पाप धूल जाते है, तो चलिए जानते है कि योगिनी एकादशी व्रत का मुहूर्त कब है, इसकी पूजन विधि क्या है, योगिनी एकादशी में क्या करना चाहिए क्या नहीं करना चाहिए, किस तरह का भोजन ग्रहण करना चाहिए आदि के बारें में...
सबसे पहले हम बात करेंगे योगिनी एकादशी के शुभ मुहूर्त के बारें में तो आषाढ़ माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी की तिथि 21 जून 2025 प्रातः 7 बजकर 18 मिनट पर शुरू हो जाएगी, एवं इस तिथि का समापन 22 जून 2025 को प्रातः 4 बजकर 27 मिनट पर हो जाएगा, इस व्रत का पारण 22 जून को दोपहर 1 बजकर 47 मिनट से लेकर शाम 4 बजकर 35 मिनट पर रहेगा।
योगिनी एकादशी के व्रत में सभी तरह के फल खाए जा सकते है, जैसे कि -संतरा, अंगूर, पपीता, अनार, शकरकंद, आलू, सेब, केला अदि का सेवन किया जा सकता है, इतना ही नहीं इस व्रत में आप कुट्टू का आटा (राजगिरा), सिंघाड़े का आटा, साबूदाना आदि से बनी हुई चीजें जैसे पूरी, पराठा, खिचड़ी आदि खा सकते है, वहीं बादाम, काजू, किशमिश, अखरोट, पिस्ता, मखाने का भी सेवन कर सकते है।
योगिनी एकादशी के व्रत में समय कुछ ऐसी बातें है जिनका ध्यान आपको रखना होता है जैसे जिन चीजों का सेवन पूर्ण रूप वर्जित होता है, फिर चाहे आपने व्रत किया हो या नहीं किया हो, इन नियमों का पालन न करने की वजह से आप पाप के भागिदार बन सकते है, एकादशी के दिन चावल के सेवन पर भी प्रतिबंध होता है, ऐसा कहा जाता है कि एकादशी के दिन चावल का सेवन करने से अगले जन्म में कीड़े-मकोड़े का जन्म मिलता है, जबकि गेहूं, जौ, मक्का, बाजरा, अरहर, मूंग, मसूर, चना, उड़द आदि सभी वर्जित हैं। प्याज और लहसुन तामसिक आहार माने जाते है, इसी वजह से एकादशी दिन इनका सेवन नहीं करना चाहिए।