नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में कई अहम फैसले लिए गए। कैबिनेट ने ओडिशा, पंजाब और आंध्र प्रदेश में 4 नए सेमीकंडक्टर प्रोजेक्ट्स को मंजूरी दी, जिनके लिए 4594 करोड़ रुपये का निवेश होगा। लखनऊ मेट्रो के फेज 1B को 5801 करोड़ रुपये की लागत के साथ स्वीकृति प्रदान की गई। साथ ही, 700 मेगावाट के ताटो-II हाइड्रोइलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट को मंजूरी दी गई, जिसके लिए 8146 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।
चार नए सेमीकंडक्टर प्रोजेक्ट्स और लखनऊ मेट्रो को दी स्वीकृति :
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इस बारें में जानकारी दी है कि चार नई सेमीकंडक्टर परियोजनाओं को मंजूरी भी दी जा चुकी है। इससे पहले छह परियोजनाओं को स्वीकृति मिल चुकी थी, और अब ओडिशा, आंध्र प्रदेश तथा पंजाब में चार नई परियोजनाओं को जोड़ लिया गया है, जिनमें 4,594 करोड़ रुपये का निवेश होगा। उन्होंने यह भी कहा कि लखनऊ एक प्रमुख शहर है, जहां मेट्रो की अत्यधिक आवश्यकता है। इसके लिए लखनऊ मेट्रो के चरण 1B को 5,801 करोड़ रुपये के निवेश के साथ मंजूरी दी गई है।
हाइड्रोइलेक्ट्रिक परियोजना पर 8,146 करोड़ रुपये का होगा खर्च :
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इस बारें में आगे कहा है कि, "भारत स्वच्छ विकास और स्वच्छ ऊर्जा के लिए कटिबद्ध है। इसी दिशा में आज 700 मेगावाट की ताटो II हाइड्रोइलेक्ट्रिक परियोजना को 8,146 करोड़ रुपये के निवेश के साथ स्वीकृति भी दी जा चुकी है।"
भारत सेमीकंडक्टर विनिर्माण में निभाएगा महत्वपूर्ण भूमिका :
केंद्र सरकार के मुताबिक, भारत जल्द ही वैश्विक सेमीकंडक्टर बाजार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। सरकार ने रविवार, 10 अगस्त 2025 को बताया कि 2023 में भारत का सेमीकंडक्टर बाजार करीब 38 अरब डॉलर का था, जो 2024-25 तक बढ़कर 45 से 50 अरब डॉलर तक पहुंच सकता है।
केंद्र सरकार ने इस बारें में बोला है कि वैश्विक साझेदारी, नीतिगत समर्थन और घरेलू विनिर्माण में वृद्धि के साथ भारत इस क्षेत्र में तेजी से प्रगति कर रहा है। भारत का चिप इकोसिस्टम तेजी से विकसित हो रहा है। सरकार के मुताबिक, देश के विभिन्न हिस्सों में बड़े निवेश की घोषणाएं की गई हैं।