ईरान-इजरायल के संघर्ष के बीच G-7 समिट में मिल रहा इजरायल को समर्थन

इजराइल-ईरान युद्ध को 5 दिन हो गए है, इस युद्ध में 200 से अधिक लोगों की मौत हो गई है, कनाडा में चल चल G7 शिखर सम्मलेन में मौजूद नेताओं ने इजरायल का समर्थन किया है, उनका कहना है कि ईरान अपने पास परमाणु हथियार नहीं रख सकता।

ईरान-इजरायल के संघर्ष के बीच G-7 समिट में मिल रहा इजरायल को समर्थन

इजरायल के समर्थन में G7 के नेता, अपने पास परमाणु हथियार नहीं रख सकता ईरान

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Highlights

  • इजराइल-ईरान संघर्ष को 5 दिन पूरे।
  • इजरायल के समर्थन में G-7 शिखर सम्मलेन के नेता।
  • भारतीय नागरिकों को ईरान से निकालने का काम शुरू।

तेहरान : इजराइल-ईरान युद्ध को आज सुबह यानि मंगलवार को 5 दिन हो चुके है, बीते सोमवार यानि 16 जून 2025 को देशों के की ओर से कई मिसाइलें दाग दी, वहीं तेल अवीव हाइफा एवं पेटाह टिकवा पर ईरान के अटैक में कई लोगों की मौत हुई साथ ही इस हमले में कई दर्जन लोग बुरी तरह से जख्मी हो गए है। इतना ही नहीं इस युद्ध के दौरान एक बिजली संयंत्र समेत प्रमुख बुनियादी ढांचे को बड़ी हानि हुई है, इतना ही नहीं इस अटैक में मौत के घाट उतारे जाने वाले इजरायल के लोगों का आंकड़ा 22 तक आ चुका है, ईरान के हेल्थ विभाग के अनुसार इजरायल अटैक में मौत के मुँह में जाने वालों का आंकड़ा तकरीबन 224 हो चुका है।  इतना ही नहीं इन सभी के बीच कुछ इंडियन स्टूडेंट इस जंग के कारण विदेश में ही फंसे हुए है, जिनको ट्रांसफर किए जाने का काम किया जा रहा है। इसी दौरान कनाडा में आयोजित G7 शिखर सम्मेलन में हिस्सा ले रहे राजनितिक नेताओं ने एक संयुक्त बयान जारी किया, एवं मिडिल ईस्ट संपर्क चिंता भी व्यक्त कर दी है। वहीं G7 में शामिल नेताओं ने ईरान को लेकर तनाव कम करने की मांग की है, जिसमे ये स्पष्ट किया है की इजरायल को अपने सेल्फ डिफेंस का पूरा अधिकार है, इस बयान में ये बोला गया है की G7 में कई देशों का रुख हमेशा से ही साफ़ था कि ईरान कभी भी परमाणु हथियार हासिल नहीं कर पाए,  इसके साथ साथ G7 नेताओं ने इलाकों में शान्ति और स्थिरता बनाए रखने की जरुरत का खास ख्याल रखा।

इसके कुछ समय पहले इजरायल के पीएम नेतन्याहू ने दावा कर दिया है कि ईरान ने अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप के कत्ल का प्रयास किया, उन्होंने इस बारें में बोला है कि उनके कमरे की विंडो से टकरा गई। इसके बाद ही उन्होंने ईरान के परमाणु कार्यक्रम को निशाना बना लिया और इसे जारी रखने की कसम खा ली। ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियन ने राष्ट्रीय एकता की खास अपील की है, इतना ही नहीं ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्ला खामेनेई ने इजरायल पर रहवासी क्षेत्र पर अटैज करने का इल्जाम लगते हुए कड़ी सजा की धमकी भी दे डाली है, खबरों का कहना है कि इजरायल के रक्षा मंत्री की चेतावनी जारी की है कि तेहरान को जल्द ही इसकी भारी कीमत अदा करनी पड़ेगी। खबरों की माने तो इंडिया ने ईरान में फंसे नागरिकों को वहां से निकालने का काम शुरू कर चुके है। इसके साथ साथ इंडिया के विदेश विभाग ने ईरान एवं इजरायल में रह रहे इंडियन सिविलियन के लिए हेल्पलाइन नंबर भी जारी कर दिए। 

आखिर ईरान क्यों नहीं रख सकता परमाणु हथियार  :

खबरों का कहना है कि कनाडा में आयोजित हुए शिखर सम्मलेन में हिस्सा ले रहे G7 नेताओं ने खुलकर इजरायल का समर्थन कर दिया है, इस बारें में G7 नेताओं का कहना है कि ईरान किसी भी मूल्य  पर न्यूक्लियर बम नहीं रख सकता है। साथ ही G7 ने ईरान को चेतावनी देते हुए तनाव को कम करने की मांग की है। G7 के नेताओं ने संयुक्त बयान में बोला है कि इजरायल को अपनी सुरक्षा करना अधिकार है, बयान में इस बारें में भी बोला गया है कि '' हम अपील करते हैं कि ईरानी संघर्ष के हल से मिडिल ईस्ट में शत्रुता में भारी कमी देखने के लिए मिली है, इसमें गाजा में हुए सीजफायर भी शामिल है। 

ईरान-इजरायल युद्ध के बीच सामने आया चीन का बयान :

अब तक मिली जानकारी के अनुसार चीन ने ईरान और इजरायल के मध्य चल रहे युद्ध को रोकने के लिए एक खास प्रपोजल दिया था, चीन के विदेशी विभाग के  प्रवक्ता गुओ जियाकुन  ने इस बारें में जानकारी देते हुए कहा है कि चीन के विदेशी मंत्री वांग यी ने इजरायल के विदेशी मंत्री से फोन पर भी इस बारें में खुलकर वार्ता की है, इस वार्ता में उन्होंने खुलकर बोला है कि  ईरान और इजरायल दोनों से बातचीत के जरिए अपने मतभेदों को सुलझाने की अपील की जा रही है। 

अपनी बात को जारी रखते हुए उन्होंने ये भी बोला है कि चीन ने ईरान और इजरायल के मध्य संघर्ष को कम करने में अपनी खास भूमिका भी अदा करता आया है, चीन भी हमेशा ही तरह ही राजनितिक एवं कूटनीतिक तरीकों से ईरान के परमाणु मुद्दे के शांतिपूर्ण समाधान की वकालत कर दी है, इतना ही हो वह इस मामले में जुड़े पक्षों के साथ संवाद एवं समन्वय को और भी ज्यादा बढ़ाना चाहता है और बिगड़ चुके माहौल को पहले की तरह ही करने की फ़िराक में लगा हुआ है। 

ईरान में फंसे भारतीयों को निकालने का काम हुआ शुरू :  

कुछ रिपोर्ट्स का कहना है कि इंडियन गवर्नमेंट ने ईरान में फंसे हुए इंडियन नागरिकों को वहां से वापस निकालने का कार्य शुरू किया जा चुका है, खबरों में ये भी बताया गया है कि कुछ भारतीय नागरिकों का पहला जत्था रात तक  आर्मीनिया पहुंच सकता है, जानकारी मिली है कि इस विमान में 100 भारतीय नागरिक है।

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