
इजरायल ने ईरान के विरुद्ध एक अभूतपूर्व और जबर्दस्त सैन्य अटैक कर दिया है, जिसे "ऑपरेशन राइजिंग लॉयन" का नाम प्रदान किया गया है। इस ऑपरेशन के तहत इजरायल ने ईरान के प्रमुख परमाणु ठिकानों को पूरी तरह बर्बाद कर दिया है। इतना ही नहीं इस बात की पुष्टि खुद ईरान ने की है कि नतांज़ की परमाणु साइट, जहां यूरेनियम संवर्धन (इनरिचमेंट) का काम हो रहा था, पूरी तरह नष्ट हो गई है। यूरेनियम इनरिचमेंट वही प्रक्रिया है जिसके बाद परमाणु बम तैयार किया जा सकता है।
इजरायल ने इस बात का दावा करते हुए कहा था कि उसने इस हमले में ईरान के कई शीर्ष परमाणु वैज्ञानिकों और सैन्य कमांडरों को भी मौत के घाट उतार दिया गया है। इसके साथ साथ, ईरानी बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रम को भी इस हमले में गंभीर हानि पहुंचाई गई है। इजरायली फाइटर जेट्स ने तेहरान के आसमान में उड़ान भरते हुए ईरानी एयर डिफेंस को भेदकर अपने टारगेट को निशाना बनाया। इजरायल-ईरान युद्ध के चलते कई देशों ने अपने एयरस्पेस को अस्थायी रूप से बंद कर दिया है। मुंबई से लंदन जा रही एयर इंडिया की एक फ्लाइट को भी लौटना पड़ा।
इस सवाल का जवाब इजरायल के पीएम बेंजामिन नेतन्याहू ने खुद एक वीडियो संदेश में दिया। उन्होंने कहा कि ईरान वर्षों से खुलेआम इजरायल के विनाश की धमकी देता आ रहा है और उसने अपने नरसंहारक इरादों को परमाणु हथियार कार्यक्रम से मजबूत किया है। नेतन्याहू ने यह भी दावा किया कि ईरान ने अब तक 9 परमाणु बम बनाने के लिए पर्याप्त यूरेनियम का भी इस्तेमाल किया है।
खबरों की माने तो इजरायल को यह आशंका है कि यदि ईरान परमाणु हथियार बना लेता है, तो यह सीधे-सीधे इजरायल के अस्तित्व को खतरे में डाल सकता है। अमेरिका भी इस खतरे को गंभीरता से लेता है। पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने साफ बोला था कि अमेरिका किसी भी हाल में ईरान को परमाणु बम नहीं बनाने देगा।
ईरान का इस बारें में ये भी कहना है कि उसका परमाणु कार्यक्रम उसकी सुरक्षा के लिए अनिवार्य है और वह इजरायल व अमेरिका के दबाव में नहीं आएगा। इतना ही नहीं ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला खामेनेई ने अपनी बात को जारी रखते हुए कहा था कि अमेरिका और इजरायल यह तय नहीं कर सकते कि ईरान को परमाणु कार्यक्रम रखना चाहिए या नहीं।
Moments ago, Israel launched Operation “Rising Lion”, a targeted military operation to roll back the Iranian threat to Israel's very survival.
— Benjamin Netanyahu - בנימין נתניהו (@netanyahu) June 13, 2025
This operation will continue for as many days as it takes to remove this threat.
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Statement by Prime Minister Benjamin Netanyahu: pic.twitter.com/XgUTy90g1S
ईरान और इजरायल के मध्य तनाव कोई नया नहीं है। ईरान समर्थित संगठनों जैसे हमास और हिजबुल्लाह के हमलों ने इस संघर्ष को और भी ज्यादा बढ़ गया है। विशेष रूप से 7 अक्टूबर 2023 को हमास का इजरायल पर हमला और 1 अक्टूबर 2024 को ईरान द्वारा इजरायल पर मिसाइल हमला इस हमले की प्रमुख वजह बने।नेतन्याहू ने बोला है कि "फिर कभी नहीं"इजरायली पीएम ने इस हमले को नाजी नरसंहार से सीखा गया सबक बताते हुए कहा कि अब "फिर कभी ऐसा नहीं होगा" का संदेश पूरी दुनिया को देना जरूरी था। उन्होंने कहा कि इजरायल अपने अस्तित्व की रक्षा के लिए किसी भी हद तक जा सकता है।
नेतन्याहू ने यह भी बताया कि ईरान अगले तीन वर्षों में 10,000 मिसाइलें बनाने की योजना पर काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि कल्पना कीजिए कि 10,000 टन टीएनटी न्यू जर्सी जैसे छोटे देश पर गिरें—यह एक असहनीय स्थिति होगी। इसलिए इसे अभी रोका जाना जरूरी है। इस मामले पर IDF का बयान भी सामने आया है हमारे पास कोई विकल्प नहीं थाइजरायली डिफेंस फोर्स (IDF) ने कहा कि ईरान के परमाणु कार्यक्रम ने इजरायल के अस्तित्व पर सीधा खतरा पैदा कर दिया था। IDF प्रवक्ता बीजी एफी डेफरिन ने कहा कि इस हमले का मकसद ईरान को परमाणु बम बनाने से रोकना है। उन्होंने इसे आने वाली पीढ़ियों की सुरक्षा के लिए उठाया गया कदम बताया।
IDF के चीफ ऑफ स्टाफ लेफ्टिनेंट जनरल एयाल जामिर ने ऑपरेशन राइजिंग लॉयन को एक ऐतिहासिक और रणनीतिक हमला बताया। उन्होंने कहा कि यह ऐसा दुश्मन है जो इजरायल को खत्म करने की साजिश रच रहा था, और अब समय आ गया है कि उसे रोका जाए।
ईरान ने हमले में हुए नुकसान को स्वीकार कर लिया है। ईरानी सरकारी टीवी ने बताया कि रिवोल्यूशनरी गार्ड के प्रमुख जनरल हुसैन सलामी की मौत हो गई है। ईरान के सर्वोच्च नेता खामेनेई ने भी ट्वीट कर कहा कि यहूदी शासन ने हमारे देश पर अपराध किया है, लेकिन उनके इस अपराध का उन्हें गंभीर और कड़ा जवाब मिलेगा। उन्होंने कहा कि इजरायल ने अपनी खुद की दर्दनाक नियति तय कर ली है।
ईरान के सशस्त्र बलों के प्रवक्ता जनरल शेकरची ने कहा कि इजरायल और अमेरिका को जल्द ही एक "जबरदस्त तमाचा" पड़ेगा। उन्होंने चेतावनी दी कि ईरानी सेना पूरी तरह से तैयार है और जवाबी कार्रवाई बहुत जल्द होगी। इस हमले ने न सिर्फ पश्चिम एशिया में तनाव की नई लहर को जन्म दिया है बल्कि यह पूरे विश्व को एक बड़े युद्ध की आशंका से भी भर देता है। इजरायल का यह कदम ईरान के परमाणु कार्यक्रम को रोकने के लिए उठाया गया एक असाधारण और ऐतिहासिक हमला है, लेकिन इसका परिणाम किस दिशा में जाएगा, यह आने वाला समय ही बताएगा।