बेहद रोचक है अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस का इतिहास, जानिए योगा के महत्व और लाभ

दुनियाभर में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 21 जून को मनाया जाने वाला है, इस वर्ष पीएम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसकी थीम ''योगा फॉर वन अर्थ, वन हेल्थ'' रखी है. इस वर्ष योग दिवस पर कई कार्यक्रम आयोजित किए जाने वाले है।

बेहद रोचक है अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस का इतिहास, जानिए योगा के महत्व और लाभ

चिंता और तनाव को कम करता है योगा

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Highlights

  • दुनियाभर में मनाया जाएगा 11वां अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस।
  • ​''योगा फॉर वन अर्थ, वन हेल्थ'' होगी योग दिवस की थीम।
  • भगवान शिव के साथ जुड़ा है योग दिवस का इतिहास।

नई दिल्ली : विश्व भर में प्रतिवर्ष 21 जून के दिन अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस (International Yoga Day) मनाया जाता है, भारत समेत पूरा विश्व इस वर्ष 11वां  अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस बड़े ही धूम धाम से मानाने जा रहा है, जिसके तहत देशभर में कई कार्क्रमों के आयोजन भी होंगे। इतना ही नहीं अच्छी बात तो ये है कि इस वर्ष लोगों के मध्य योगा के महत्व को लेकर जागरूकता और बढ़ावा देने के लिए सेलिब्रेट किया जाता है, वहीं योग दिवस के दिन हर जगह पर  कैंप भी लगाए जाते है ताकि इस इवेंट में अधिक से अधिक लोग हिस्सा ले सके, एवं अन्य लोगों को योगा के प्रति जागरूक कर सके। योगा करने से व्यक्ति को केवल शारीरिक ही नहीं बल्कि मानसिक परेशानियों से भी निजात मिलती है, तो चलिए जानते है क्या है योगा डे का इतिहास, इसका महत्व एवं इस वर्ष योगा डे किस थीम में मनाया जा रहा है...

अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस का इतिहास : 

हिंदुस्तान से ही अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की शुरुआत हुई, दरअसल वर्ष 2014 को पीएम मोदी ने संयुक्त महासभा (UNGA) में भाषण के समय दुनियाभर से अपील की थी कि योग, जो भारत की एक प्राचीन और मूल्य विरासत है, उसके लिए एक खास दिन का होना बहुत जरुरी है, एवं इस दिन को प्रतिवर्ष विश्वभर में सेलिब्रेट किया जाना चाहिए, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विचार को विश्वभर से समर्थन प्राप्त हुआ एवं 11 दिसंबर 2014 के दिन संयुक्त राष्ट्र ने आधिकारिक रूप से प्रतिवर्ष 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के रूप में सेलिब्रेट करने का एलान कर दिया, इतना ही नहीं इंटरनेशनल  योगा डे 21 जून को सेलिब्रेट करने के प्रस्ताव पर 177 देशों की सहमति प्राप्त हुई। 

वहीं योगा का किसी ने भी विरोध नहीं किया था एवं ये प्रस्ताव बिना किसी रुकावट के ही पारित कर दिया गया था, इसके पश्चात प्रतिवर्ष 21 जून के दिन दुनियाभर में योगा डे सेलिब्रेट किया जाने लगा, भारत में तो योगा डे के दिन लाखों लोग एक ही जगह पर जमा होगा योगासन करते हुए दिखाई देते है।

21 जून ही क्यों अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के लिए कोई ओर दिन क्यों नहीं :

आज भी कई लोगों के मन में एक ही प्रश्न उठता है कि 21 जून के दिन ही क्यों अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस किया जाता है, किसी और दिन क्यों नहीं तो बता दें कि 21 जून के दिन योग दिवस को मानाने का कारण ये है कि 21 जून के दिन वर्ष का सबसे लम्बा दिन होता है, और इस दिन को ग्रीष्म संक्रांति बोला जाता है। इतना ही नहीं 21 जून के दिन सूरज की रौशनी अधिक समय तक धरती पर बनी रहती है, वहीं योग की परम्परा के मुताबिक, भगवान शिव जिनकों आदियोगी के नाम से भी जाना जाता है, उन्होंने इस दिन से अपने शिष्यों को योग का ज्ञान देने की शुरुआत की थी।

योग से होने वाले लाभ और महत्व :

  • तनाव को तेजी से कम करता है योग, यदि आप नियमित रूप से योग करना शुरू कर देते है तो मानसिक चिंता, तनाव में कमी देखने के लिए मिलेगी, जो मानवीय शरीर के लिए बहुत अच्छा है। 
  • योगा करने से शरीर में लचीलापन बना रहता है और इससे शरीर को नई ऊर्जा भी मिलती है। 
  • इम्युनिटी के बारें में बात की जाए तो यदि आप नियमित रूप से योग करते है इससे रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ जाती है इससे बीमारी का खतरा कम हो जाता है। 
  • रोजाना योग करने से स्वस्थ जीवनशैली की ओर प्रेरणा बढ़ती है एवं योग जीवन में अनुशासन लेकर आता है।

क्या है अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की थीम : 

अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस को सेलिब्रेट करने के लिए प्रति वर्ष एक नई थीम तय की जाती है, वहीं इस वर्ष भी पीएम नरेंद्र मोदी मन की बात कर्यक्रम में योग दिवस 2025 की थीम  का एलान कर दिया है, इसमें स्वास्थ्य की देखभाल करने के मथव के बारें में बताया गया है। अच्छी बात तो ये है कि इस वर्ष प्रधानमंत्री ने योगा डे की थीम ''योगा फॉर वन अर्थ, वन हेल्थ'' रख दी है। इसका मतलब ये है कि जिस तरह से एक पृथ्वी है ठीक उसी तरह हमारा स्वास्थ्य भी एक ही है, जिसे अपने बेहतर रखने की आवश्यकता है।

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